बांका. दुष्कर्म से पीड़ित रानी कुमारी (नाम परिवर्त्तित )का भाई हैं निसार अहमद अंसारी. ग्राम सिंगारपुर थाना धोरैया जिला बांका का रहने वाले हैं. इनका कहना है कि बाराहाट थाना के कांड संख्या 99/2016 में नामजदों का उल्लेख है कि इनलोगों ने एक 14 साल की लड़की रानी कुमारी को पहले अपहरण किया.इसके बाद नशीली बोतल पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म कर दिया. उन्होंने कहा कि पीड़िता का पिताजी कैयूम अंसारी ने 12.02. 2016 को बांका जिले के बाराहाट थाना के थाना प्रभारी अजित कुमार जी को आवेदन दिया. दुखद पहलू यह है कि थाना प्रभारी ने पीड़िता के फरियाद व गुहार को गंभीरता से नहीं लिया.पीड़िता के पिताजी द्वारा प्रेषित का आवेदन को ही गायब करा दिया. उन्होंने आगे कहा कि नामजद अपहरणकर्ताओं का प्रयास था कि पीड़िता को जान से ही मार दें.इसको अंजाम देने भागलपुर यार्ड लेन में लेकर चले गये.उन बदमाशों ने वहाँ पर भी पीड़िता के साथ बल प्रयोग कर मन को शांत किया. आगे कहा कि भगवान ने रक्षक के रूप में एक महिला को भेज दिया. महिला और अपहरणकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की की गयी. उनलोगों ने महिला की पिटाई भी की.हिम्मत हारते नहीं देख इसके बाद अपराधी ही भाग खड़ा हो गये.उक्त महिला का कहना था कि थोड़ी देर और होती तो रानी कुमारी को रेल की पटरी पर रख कर जान मार देते.महिला ने पीड़िता को जान बचाकर भागलपुर महिला थाना पंहुचा दी. पीड़िता को महिला थाना पहुंचा कर महिला चली गयी.मगर थाना प्रभारी द्वारा पीड़िता की मेडिकल जांच नहीं करायी गयी.बिना जांच कराये ही पीड़िता अनाथालय भेज दी गयी.उसे वहां 1दिन रखा गया. 13.02.2016 को पीड़िता ने घर का मोबाइल नम्बर दी और 7352105800 पर अनाथालय से फोन आया. रात्रि समय में यह बच्ची नशे के हालत में अनाथालय पहुंचाई गई है.अगर आप लोगों ने एफ.आई .आर दर्ज कराए हैं तो उसकी प्रति थाना में लाये.
- घर में बंद करके सीमा के साथ दुष्कर्म करते रहे
- जिला पुलिस की निष्कृयता से राष्ट्रीय एवं राज्य मानवाधिकार आयोग का भी दरवाजा खटखटाया, बेअसर
उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी ने अनाथालय में जाकर पीड़िता को बुरी तरह डराया और धमकाया. अगर मुँह खोली तो अनाथालय में ही सड़ना पड़ेगा.शाम को थाना प्रभारी से मुलाकात हुई.एफ.आई. आर.की प्राप्ति कोपी की मांग की गयी.पीड़िता का भाई पर थाना प्रभारी भड़कने लगे.गर्जन बोल में बोले कि जाओ कोई काेपी नहीं मिलेगा. बदमाशों का फोन का लोकेशन लेकर आओं तब जाकर एफ.आई.आर. कोपी मिलेगा और उन पर कार्रवाई होगी नहीं तो नहीं होगी.इसके आलोक में 18.02.2016 को भागलपुर डी.आई.जी. साहब से लिखित गुहार लगाया गया.डी.आई.जी. साहब के कार्यालय से फोन थाना प्रभारी, बाराहाट को आया.थाना प्रभारी ने सफेद झूठ बोल दिये कि यहां कोई आवेदन लेकर नहीं आया है. इस तरर डी.आई.जी.साहब को और कार्यालय को गुमराह कर दिया गया.जबकि डीएसी साहब 19.02.2016 को बाराहाट थाना में पीड़िता के माता- पिता से बयान लिया गया.इस मामले को रफा-दफा करने को कहा गया.यह कहा कि अगर मामले को रफा-दफा नहीं कर देते हैं तो इसका बुरा अंजाम होगा.यह धमकी दी गई कि झूठा केस में फंसा कर जेल भेज देंगे.
पूरे परिवार को गाँव से निकाल दिया गया है माननीय पटना उच्च न्यायालय से सुरक्षा आदेश 883/16 के आलोक में सुरक्षा भी नहीं दी गयी है.सुरक्षा नहीं मिलने से जान जाने का खतरा बना हुआ है.इसके डर से जिला बदल कर बांका से पूरे परिवार बेगूसराय में शरण लिए हुए. निसार अहमद अंसारी कहते कि पटना उच्च न्यायालय में पूरा सबूत पेश किया गया कि 12 दिन तक जबरन बंधक बनाकर रखा. इस बीच हर तरफ सेट किया 12 दिन बाद मेडिकल हुआ 12 दिन बाद गुप्तांग में फेंक्चर बताया गया. 9/9 गवाही हुई बचाव पक्ष में भागलपुर महिला पुलिस और अनाथालय को सेट किया दस लाख में सब रेपीस्ट को रिश्वत लेकर बरी कर दियी गया. पूरे न्यायालय में इस बात की शोर है.रानी का इलाज कराते कराते थक चुके हैं. अब तो उसे दिन में दसों बार दर्द की वजह से बेहोश भी हो जाती है.

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