साध्वी भगवती सरस्वती जाएंग अमेरिका - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

साध्वी भगवती सरस्वती जाएंग अमेरिका

  • वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित शिखर सम्मेलन में साध्वी भगवती सरस्वती जी को विशेष आमंत्रण, साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं इमाम उमर अहमद इलियासी जी ने अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट, अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को सहयोग करने हेतु आयोजित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में किया सहभाग, विश्व के विभिन्न देशों के शिखरस्थ सरकारी अधिकारी, नेताओं और नागरिक समाज के लोगों ने शिखर सम्मेलन के भाग लिया, शिखर सम्मेलन वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में राज्य विभाग में हुआ आयोजन, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने मुख्य सत्र में अमेरिकी विदेश विभाग की अन्तर्राष्ट्रीय नीति पर मजबूत सुझाव दिये

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ऋषिकेश, 27 जुलाई। परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं इमाम उमर अहमद इलियासी जी ने वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को सहयोग करने हेतु आयोजित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में सहभाग किया। इस शिखर सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों के शिखरस्थ सरकारी अधिकारी, नेताओं और नागरिक समाज के लोगों ने भाग लिया। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अन्तर्राष्ट्रीय विदेश नीति पर मजबूत सुझाव रखते हुये कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिये की अमेरिकी डाॅलर एवं समर्थन किसी भी विकास संगठन को प्रदान करने से बेहतर है कि स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा और स्वच्छता हेतु दिया जाये। उन्होेेने आग्र्रह किया कि लोगों को उनका धर्म बदलने के लिये मजबूर न किया जाये। साध्वी जी ने जोर देते हुये कहा कि एक माँ को जब अपने बच्चो के ईलाज के लिये  धर्म और चिकित्सा की सुविधा के बीच चयन करने की बात कही जाये तो माँ धर्म की स्वतंत्रता नहीं चाहती तब वहां मजबूर के लिये उलझन खड़ी हो जाती है कि धर्म बदले तो चिकित्सा मिलेगी, तब वह जीवन प्रदान करने वाली सुविधायेें प्रमुुख होती है परन्तु उस समय धर्म परिवर्तन की शर्त नहीं होेनी चाहिये।साथ ही साध्वी जी ने सुझाव दिया कि, हालांकि अमेरिका, अभिव्यक्ति की आजादी हेतु गहराई से प्रतिबद्ध है, हमें भाषण या अभिव्यक्ति के ऐसे तरीके इस्तेमाल करना चाहिये जिससे लोगों के जीवन का अधिकार प्राप्त हो सके।  साथ ही हमें नफरत फैलाने वाले भाषण को रोकने के विषय में सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि ऐसे वक्तव्य कई बार अत्याचार अपराधों की ओर ले जाते हैं। हमें भाषण की आजादी की रक्षा के बारे में विचार करना होगा। साध्वी भगवती सरस्वती जी और इमाम उमर इलियासी जी ने धार्मिक स्वतंत्रता हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत सैम ब्राउन बैक के साथ निजी तौर पर मुलाकात की। इस बैठक में राजदूत ब्राउनबैक ने भारत में धार्मिक हिंसा के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। साध्वी जी ने स्पष्ट किया कि भारत में कई ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में ईसाई मिशनरी धार्मिक संगठन और हिन्दू परम्परा के खुलेपन और ईश्वर के अनंत रूपों की स्वीकृति के साथ धर्मांतरण करने के बीच संघर्ष देखा गया है। उन्होने बताया कि कई बार लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं को प्राप्त करने के लिये अपने धर्म को बदलने के लिये मजबूर किया जाता है, तब उन समुदायों के मध्य अत्यंत अंतर्निहित तनाव पैदा हो जाता है। यह तनाव कभी-कभी धार्मिक हिंसा की आग को जन्म देता है। इसलिये जबरन या लालचवश धर्म परिवर्तन पर रोक लगनी चाहिये। साध्वी जी ने राजदूत ब्राउन बैक  और स्टेट डिपार्टमेन्ट की टीम को माँ गंगाके तट पर ऋषिकेश, भारत में आने के लिये आमंत्रित किया । राजदूत ब्राउन बैक  ने आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार किया। साध्वी भगवती सरस्वती जी और इमाम उमर इलियासी जी ने मुख्य सत्र के पश्चात ब्रेक आउट सत्र में नरसंहार की रोकथाम के विषय पर आयोजित चर्चा में हिस्सा लिया। इस सत्र में अलगाव उन्मूलन के बारे में चर्चा की जो अक्सर धार्मिक व जातीय समुदाय के खिलाफ हिंसा के कृत्यों की रोकथाम तथा धार्मिक स्वतंत्रता में महिलाओं के अधिकारों के महत्व पर आयोजित सत्र में भी विशेष रूप से भाग लिया। संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस, सचिव माइक पोम्पी, संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य विभाग के उच्च स्तरीय प्रतिनिधित्व के साथ-साथ 80 से अधिक देशों के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों तथा कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शिखर सम्मेलन में सहभाग किया।

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