बिहार : चार साल के बाद भी नहीं मिला अनुदान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

बिहार : चार साल के बाद भी नहीं मिला अनुदान

  • हुजूर के द्वारा 'पादरी की हवेली' को तो पर्यटन मानचित्र में शामिल कर लिया है मगर चार साल के बाद भी नहीं मिला अनुदान
  • साढ़े तीन सौ साल से स्थापित है पादरी की हवेली यानी 'द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी कैथेड्रल', राशि के अभाव में पल्ली पुरोहित व सहायक पल्ली पुरोहित करते हैं गार्ड और गाइड का कार्य

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पटना। आज पटना सिटी में स्थित 'पादरी की हवेली' ( द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी कैथेड्रल) को पर्यटन मानचित्र में शामिल करवाने में अहम किरदार निभाने वाले बिहार प्रदेश  कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक  विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह अपने व्यस्त कार्यक्रमों को दरकिनार कर चार साल के बाद पर्यटन स्थल का मुआयना करने पहुंचे।  सर्वविदित है कि बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की संचिका संख्या - प.वि.(स्था.) जन-06 पत्रांक 3692 प.वि./पटना दिनांक 13 नवम्बर, 2013 को एम . मीनाक्षी, विशेष कार्य पदाधिकारी,पर्यटन विभाग ने रजनीश कुमार , आई0 टी0 मैनेजर, पर्यटन विभाग, बिहार,पटना को उचित तरह से मानचित्र में शामिल करने का निदेश दिया था। इस निदेशानुसार सिसिल साह, संयोजक अब के उपाध्यक्ष बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी (अल्पसंख्यक विभाग) का मुख्यमंत्री सचिवालय 000011510130161 में 'पादरी की हवेली' को पर्यटन के बेवसाईट पर अंकित करने का निदेश दिया गया था।जिसे अमल में लाया गया। श्री साह ने कहा कि यहां पर बिशप हार्टमन से जुड़ी बहुत सारी सामग्री उपलब्ध है। येरूसलेम की मिट्टी और होली वाटर भी है।इसको देखने देश-विदेश-प्रदेश के लोग आते हैं।उनको और अधिक लुभाने की जरूरत है। इसके आलोक में वक्त की मांग है इस पर्यटन स्थल के सौंदर्यीकरण व रखरखाव करने हेतु सरकार भरपूर अनुदान दें। इस समय पर्यटन स्थल का यह हाल है कि अर्थाभाव में पटना सिटी पैरिश के पल्ली पुरोहित और सहायक पल्ली पुरोहित गार्ड और गाइड की भूमिका निभा रहे हैं। नाली बजबजा रही है व शौचालय में जाने के लिए सोचना पड़ता है। इस समय पटना सिटी पैरिश के पल्ली पुरोहित फादर सुरेश खाखा हैं।इनका कहना है कि बिहार सरकार ने तो 'पादरी की हवेली' को पर्यटन स्थल घोषित कर मानचित्र में जरूर शामिल कर लिया है।मगर यहां पर एक पैसा अनुदान में नहीं दिया है। आगे फादर सुरेश खाखा ने कहा कि जिस प्रकार सरकार अन्य पर्यटन स्थलों को अनुदान देती है उसी तरह 'पादरी की हवेली' को भी दें। अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह के साथ शरीफ अहमद रंगरेज और हर्षवर्द्धन कुमार भी थे।

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