दुमका : भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से मुक्त कर्मी की दुबारा नियुक्ति के विरोध में सचिव को भेजा पत्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 3 जुलाई 2018

दुमका : भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से मुक्त कर्मी की दुबारा नियुक्ति के विरोध में सचिव को भेजा पत्र

बिना किसी विज्ञापन व नियुक्ति प्रक्रिया के अपनाए ही, जातिगत भावना से ग्रसित होकर कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद दुमका राजीव मिश्रा ने बोर्ड की साधारण बैठक में वैसे पार्षदों से सेवानिवृत्त कर्मी सुरेश मिश्र के लिये समर्थन व्यक्त करवा कर बहुमत से प्रस्ताव पारित करवाने की कोशिशें की जिसका कोई औचित्य नहीं। सरकारी सेवा संहिता की जिन्हें कोई जानकारी नहीं हैः-उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) नगर पर्षद, दुमका में 29 जून 18 को हुई्र बोर्ड की साधारण बैठक में प्रस्ताव संख्या 4 में लिये गए निर्णय के विरोध में कुछ वार्ड पार्षदों ने सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग, झारखण्ड को आवेदन भेजकर उसे निरस्त करने का अनुरोध किया है। वार्ड पार्षद महेशराम चन्द्रवंशी (वार्ड संख्या 6) सुमन्त कुमार यादव (वार्ड संख्या 19) रेखा देवी (वार्ड संख्या 18) मो0 जहांगीर अंसारी (वार्ड संख्या 10) व अरबी खातुन (वार्ड संख्या 17) ने अपना विरोध प्रकट करते हुए कहा कि सरकारी सेवा संहिता के विरुद्ध 65 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त कर्मचारी सुरेश मिश्र जो पूर्व में भी सेवानिवृत्ति के बाद मानदेय पर नगर पर्षद में नियुक्त थे को भ्रष्ट आचरण के कारण उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया गया था। आपसी मिलीभगत से उसी विवादास्पद कर्मी को बिना किसी विज्ञापन व नियुक्ति प्रक्रिया अपनाए जातिगत भावना से ग्रसित होकर कार्यपालक पदाधिकारी राजीव मिश्रा ने बोर्ड की साधारण बैठक में सरकारी सेवा संहिता की जिन्हें कोई जानकारी नहीं है वैसे पार्षदों से समर्थन व्यक्त करवा कर बहुमत से प्रस्ताव पारित करवाने की कोशिशें की गई जबकि अन्य पार्षद इसके विरोध में थे। नगर पर्षद उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल के साथ नियम के विरुद्ध नियुक्ति पर एतराज जताते हुए कुछ वार्ड पार्षदों ने मिनट बुक पर अपना कड़ा विरोध प्रदर्शित किया बाद में साजिश के तहत जिसे मिनट बुक से हटा दिया गया। नियम विरुद्ध नियुक्ति के विरोध में खड़े वार्ड पार्षदों का कहना है कि कार्यपालक पदाधिकारी नगर पर्षद, दुमका राजीव मिश्रा व सेवानिवृत्त कर्मी सुरेश मिश्र आपस में रिश्तेदार हैं। विदित हो, सरकारी सेवा नियम का हवाला देते हुए पूर्व से प्रतिनियुक्त नगर पर्षद के चार सेवानिवृत्त कर्मियों को पत्रांक 1425 दिनांक 04. 06. 2016 को सेवा से मुक्त कर दिया गया था जिसकी आयु 65 वर्ष पूरी हो चुकी थी। दिन मंगलवार को नगर पर्षद उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल ने खूटा बांध स्थित अपने आवास पर प्रेस काॅफ्रंेस आयोजित कर जानकारी देते हुए कहा कि सं0-8/ एस-5 (भत्ता)-03 / 2011......1243/ वि0 राँची / दिनांक 28.04.2016 झारखण्ड सरकार योजना-सह-वित्त विभाग (वित्त प्रभाग) के संकल्प के अनुसार संविदा के आधार पर नियुक्त सेवानिवृत्त कर्मियों के मानदेय / पारिश्रमिक के निर्धारण हेतु बनाए गए नियम 11 में स्पष्ट रुप से उल्लेखित है। नियम के अनुसार सेवानिवृत्त कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति एक वर्ष के लिये होगी, जिसका अवधि विस्तार अधिकतम दो बार एक-एक वर्ष के लिये की जा सकेगी। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संविदा पर नियुक्ति हेतु उम्र सीमा 65 वर्ष अथवा तीन वर्ष तक (1$1$1) जो भी पहले हो से अधिक नहीं होगी। अपवादित परिस्थिति  में 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले सेवानिवृत्त कर्मी अथवा तीन वर्ष से अधिक समय के लिये संविदा पर कार्य कर चुके सेवानिवृत्त किसी कर्मी को सेवा में रखना अपरिार्य हो, तो वैसी सिथति में संबंधित कर्मी के मामले में वित् विभाग के माध्यम से मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति अनिवार्य होगी। नियम 9 के अनुसार यह प्रावधान सेवानिव्त्त झारखण्ड   राज्य बोर्ड/ निगम/ निकाय/ कर्मियों के मामले पर लागू होगा, जिनकी पद संरचना , वेतनमान व सेवाशर्त राज्य सरकार के कर्मी की तरह है। नगर पर्षद उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल ने कहा कि राजीव मिश्रा होम डिस्ट्रिक्ट दुमका में बतौर कार्यपालक पदाधिकारी पदस्थापित हैं जिन्हें नियम-कानून का कोई भय नहीं रह गया है। मनमर्जी कार्यों को अंजाम देने वाले ऐसे पदाधिकारी को उनके गृह जिला से अन्यत्र स्थानान्तरित कर देना चाहिए जिससे मनमाने तरीके से किये जा रहे सरकारी कार्यों को रोका जा सके। मालूम हो, नगर पर्षद दुमका के कार्यपालक पदाधिकारी राजीव मिश्रा पाकुड़ में बतौर बीडीओ कई बड़े घोटाले के आरोपी रहे हैं। गिरिडीह में भी बतौर कार्यपालक अभियंता मनमाने तरीके से इन्होंने नगर पर्षद/ निगम के कार्यों को अपने पदस्थापना काल में अंजाम दिया है। नगर पर्षद उपाध्यक्ष श्री लाल ने कहा कि यदि सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा पार्षदों द्वारा प्रेषित आवेदन पर संतोषप्रद विचार नहीं किया गया तो इस मामले को आगे ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा नगर पर्षद कर्मियों की सुस्ती की वजह से ही बस स्टेण्ड दुमका व अन्य स्थानों पर कुछेक को छोड़कर आज भी दूकानें पुराने दरों पर ही संचालित हैं जबकि दूकानों का टर्म पूरा हो चुका हैा 

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