हुजूर हम जिंदा हैं मगर दो साल से पेंशन नहीं मिलता, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना से 400 रू.मिलता था, जीर्वित होने का जीवन प्रमाण पत्र -सह- सहमति पत्र देने आये हैं
समेली.इस प्रखंड के बरामदा में तीन टेबुलों पर पंचायत सेवक,टोला सेवक आदि बड़ा बाबू बैठे हैं. बिहार सरकार के सामाजिक सुरक्षा निदेशालय, समाज कल्याण द्वारा जारी प्रपत्र जीवन प्रमाण पत्र -सह- सहमति पत्र को पेंशनभोगियों का आवेदनों की जांच व संपुष्ठि करते हैं.इसके बाद आवेदक प्रखंडकर्मी के पास जमा करते हैं.हर पेंशनधारियों की रूख प्रखंड की ओर ही है. प्रखंड के मुरादपुर पंचायत के नवाबगंज पूर्वी टोला में रहते हैं ब्रह्मदेव मंडल.इनका पिताजी का नाम स्वर्गीय वेशो मंडल हैं. एक पत्नी और तीन संतान हैं.ब्रह्मदेव कहते हैं कि मेरा आधार कार्ड है.नम्बर - 293452435305 है. आधार कार्ड में अंकित जन्मतिथि 1.1.1944 है.इस तरह 74 साल के हैं.लाठी के सहारे चलते हैं.आँख की रोशनी क्षीण हो गयी है. इनका खाता एस.बी.आई. किओस्क ( KIOSK) बैंकिंग में है. खाता नम्बर- 36212479439 है.इसके आधार पर इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना से 400 रू.प्रति माह की दर से पहली बार 2000 और दूसरी बार 1200 रू.प्राप्त हुआ. इसके बाद पेंशन मिलना बंद हो गया. वहीं मेरी पत्नी फुलो देवी को पेंशन मिल रहा है. समेली प्रखंड में चार बार मैराथन दौड़ लगाने के बाद थक हारकर बैठ गये. गाँव के लोगों के कहने पर ब्रह्मदेव मंडल प्रखंड आये हैं.एक उम्मीद के साथ जीवन प्रमाण पत्र -सह- सहमति पत्र भरकर पंचायत सेवक के पास जमा कर दिया है.साथ में यह सवाल किया कि पति-पत्नी को साथ-साथ पेंशन मिल सकता है? इस पंचायत सेवक का कहना है कि योजना में दोनों को मिलने का प्रावधान है.किसी तरह की तकनीति खामिया आने ही पेंशन को अवरूद्ध कर दिया होगा.

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