बिहार : शौचालय नहीं रहने के कारण वैवाहिक संबंध में अड़चन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 14 जुलाई 2018

बिहार : शौचालय नहीं रहने के कारण वैवाहिक संबंध में अड़चन

चांदनी चौक मुसहरी में जमीन के अभाव में 38 सालों में इंदिरा आवास योजना से मकान निर्माण नहीं, बंधुआगिरी से मुक्त होना चाहते हैं महादलित मुसहर 
trouble-in-marriage-bihar
समेली.इस प्रखंड में है विष्णुचक चाँदपुर पंचायत.इस पंचायत की मुखिया अनिता देवी हैं.पंचायत के वार्ड नम्बर- 13 के वार्ड सदस्य दिलचंद राम है. महादलित मुसहर समुदाय के लोग चाँदनी चौक मुसहरी में रहते हैं. यहां 100 घरों में 1000 लोग रहते हैं.यहां पर  5 पुश्त से लोग रहते हैं मगर एक भी मैट्रिक उर्त्तीण नहीं हैं.मेहनतकश लोगों को न मनरेगा में और न ही खेत खलियान में काम मिलता है. मुसहरी में रहने वाले रवि कुमार ऋषि कहते हैं कि यह सबसे उत्तम बात है  कि हमलोग ईंट भट्टों में बंधुआ मजदूर बन जाए. जो 25 वर्षों से करते आ रहे हैं.सरकारी कथन है कि बंधुआ मजदूरी की दासता से लोगों को मुक्त कर देंगे.पेट पालने को लेकर सीमांत क्षेत्र के कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर आदि जिले की ईंट भट्टों में सपरिवार बंधुआ मजदूर बनने चले जाते  हैं.जहां बाल-बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है.जब किसी फाइल वाले बाबू को बच्चे ईट भट्टों की ओर आते देखते हैं तो स्वत: मैराथन दौड़ लगाने लगते हैं.उनके दिलोदिमाग में एक खौफ पैदा हो गया है.  महादलित मुसहर समुदाय की किरण देवी कहती हैं कि चांदनी चौक मुसहरी में काफी दिक्कत है.1980 में 14 हजार रू.में 40 घर इंदिरा आवास योजना से बना.जगहाभाव के कारण शौचालय नहीं बन पा रहा है.शौचालय नहीं रहने के कारण कुटुम्ब लोग वैवाहिक संबंध जोड़ना नहीं चाहते हैं.यह सरकार और गैर सरकारी संगठनों के लिए चुनौती है.कैसे बंधुआगिरी से मुक्ति दिलवाये और शौचालय निर्माण करा वैवाहिक संबंध स्थापित करा सके.

कोई टिप्पणी नहीं: