मानसून की बेरुखी से धान रोपाई में देरी, किसान ट्यूबवेल के दम पर धान रोपाई करने के मूड में, 110 रू.मजदूरी मिलने के कारण खेतिहर मजदूर पलायन करने को मजबूर
समेली.जिले में अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. ऐसे में जिले में धान रोपाई का कार्य 20 से 25 दिन बाद शुरू होगा. मानसून की बेरुखी से समेली प्रखंड में धान रोपाई का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. यहां जून महीने में कम बारिश हुई. वहीं जुलाई महीने में अबतक अच्छी बारिश नहीं हुई है. बारिश की वजह से धान की रोपाई के लिए किसानों के खेतों में पर्याप्त पानी का अभाव है. हालांकि किसान धान रोपाई के लिए खेतों को तैयार करने तथा बिचड़ा लगाने के काम में दिन रात जुटे हैं. मगर किसान रोपाई के लिए मानसून की अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.बता दें कि कृषि विभाग द्वारा सरकारी बीजों का ससमय आवंटन किया जा चुका है.इस बार किसानों द्वारा धान की खेती के लिए एमटीयू 7029 स्वर्णा धान बीज की प्रजाति की मांग अधिक रही. अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. ऐसे में जिले में धान रोपाई का कार्य 20 से 25 दिन बाद शुरू होगा. किसानों को बीज उपलब्ध करा देने के बाद बिचड़ा भी तैयार है.अब किसानों को बस अच्छी बारिश का इंतजार है.जिन किसानों के पास ट्यूबवेल है उससे खेत में पटवन करके धान रोपाई करने जा रहे हैं.किसान ने कहा कि भारी संख्या में खेतिहर मजदूर कम मजदूरी मिलने के नाम पर पलायन कर गये हैं. इनको 110 रू.और अल्पाहार पर 8 घंटे काम लिया जा रहा है.बिचड़ा निकालकर धान रोपनी करेंगे. मनरेगा में काम बंद होने के कारण किसान के द्वार आये हैं.मनरेगा में 177 रू.मजदूरी मिलता है.यहां पर 110 रू.मिलता है.काम शुरू होने पर मनरेगा में ही काम करेंगे. महिलाओं को किसान का दर्जा प्राप्त नहीं है.
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