दुमका : हर हर महादेव के नारे से गुंज उठा बाबा बासुकीनाथ व माँ मौलीक्षा का दरबार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 19 अगस्त 2018

दुमका : हर हर महादेव के नारे से गुंज उठा बाबा बासुकीनाथ व माँ मौलीक्षा का दरबार

basukinath-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) फौजदारी बाबा बासुकीनाथ महादेव की जय, हर-हर महादेव, बोलबम का नारा है बाबा तेरा एक सहारा है जैसे नारों से गुंजायमान है फौजदारी बाबा बासुकीनाथ महादेव का दरबार। प्रतिदिन की तरह मेला के 23 वें दिन भी श्रद्धालु अलसुबह से ही शिवगंगा के चारों ओर जमे दिखाई दे रहे थे। आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपने आराध्य पर जलापर्ण करने के लिए बढ़ रहे थे। प्रातः 3 बजकर 35 मिनट पर पुरोहित पूजा के उपरांत जलापर्ण शुरू हुआ। निरंतर श्रद्धालु कतारबद्ध होकर जलार्पण कर रहे थे। बढ़ती जा रही तपिश के बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में  यहाँ घोर इजाफा दिख रहा है। पूरा रुट लाइन केसरिया रंग में रंगा था। तेज धूप के बीच भी श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ बाबा पर जलार्पण कर रहे थे। पूरे रुट लाइन में इंद्र वर्षा के माध्यम से शीतल जल का छिड़काव किया जा रहा था। श्रद्धालुओं की ऊर्जा देखते ही बन रही थी। प्रतिनियुक्त सुरक्षा कर्मी देर रात्रि से ही अपने अपने कर्तव्यस्थल पर उपस्थित थे। महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रतिनियुक्त सुरक्षा कर्मी श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने में अहम भूमिका निभा रकहे थे। पूरे रुट लाइन के साथ साथ सभी जलापर्ण काउंटर पर सुरक्षा कर्मी दिखाई से रहे थे। डॉक्टरों की टीम जरूरी दवाइयों के साथ पूरी तत्परता से  कर्तव्यस्थल पर उपस्थित थी, इधर एनडीआरएफ की टीम अन्य दिनों की भांति ही शिवगंगा में  दिन रविवार को भी मुस्तैदी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन कर रही थी। चिलचिलाती धूप के बाद अचानक बारिश से पूरा मंदिर प्रांगण व मेला क्षेत्र हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा। श्रद्धालु एक नई ऊर्जा के साथ बाबा पर जलार्पण के लिए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। 

मयूराक्षी सिल्क साड़ी की मची है धूमः बासुकीनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालु मयूराक्षी सिल्क की खरीदारी करना नहीं भूलते। मयूराक्षी सिल्क साड़ी का उत्पादन इस जिले की एक बड़ी उपलब्धी है। श्रावणी मेला के दौरान बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों बासुकीनाथ धाम पहुँच रहे श्रद्धालु मयूराक्षी सिल्क साड़ी काॅउण्टर का भ्रमण करना नहीं भूलते। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ व मयूराक्षी सिल्क साड़ी के प्रति जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कई अलग-अलग स्टॉल लगाए गए हैं। इन सभी स्टॉलों पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां अंकित की गई हैं। मयूराक्षी सिल्क साड़ी स्टॉल मेला क्षेत्र में आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है। ज्ञात हो, देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखण्ड सरकार के 1000 दिन पूरा होने के उपलक्ष पर इसकी विधिवत शुरुआत की थी। मयूराक्षी सिल्क साड़ी निर्माण में जिले के तकरीबन  27 हजार परिवारों  को जोड़ा गया है। जिला प्रशासन द्वारा 25 हजार परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मयूराक्षी सिल्क साड़ी क्रय करने के बाद कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि बासुकीनाथ धाम पहुँचने से पहले ही ही मयूराक्षी सिल्क के बारे में उन्हें जानकारी प्राप्त हो गई थी। मेला क्षेत्र में स्टॉल दिखा तो खरीदने से खुद को रोक नही सका। दरअसल स्टॉल पर मयूराक्षी सिल्क से निर्मित कई समानों को रखा गया है। मयूराक्षी सिल्क धागा निर्माण की प्रक्रिया को भी स्टाॅल में प्रोमोशन के तहत दिखाया जाता है। बड़ी संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु स्टॉल पर पहुँचते हैं तथा कई सामान क्रय करते हैं। 

माँ मौलीक्षा मंदिर में भी लग रहे बोलबम के नारेः  108 मंदिर व उतने ही सरोवरों  से अपनी पहचान रखने वाला गांव मलूटी में भी बोल बम के नारे लग रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मलूटी पहुँच रहे हैं। श्रद्धालुओं की तादाद को देखते हुए मेला के दौरान जिला प्रशासन द्वारा प्रदर्शनी शिविर सह आवासन केंद्र का निर्माण करवाया गया है, जहां श्रद्धालु विश्राम करते हैं। सूचना सहायता कर्मी द्वारा मलूटी के बारे में विस्तृत जानकारी उन्हें  दी जाती है। बासुकिनाथ धाम आने वाले कई श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण करने के उपरांत एक बार माँ मौलिक्षा की नगरी भी अवश्य पहुँचते हैं। बासुकिनाथ धाम में भी मलूटी को लेकर साइनेज लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालु मंदिरों के गांव के बारे में जान सके। विभिन्न प्रदेशों से लोग यहाँ लागतार पहुँच रहे हैं। ऐतिहासिक धरोहरों  को देखकर वे काफी खुश नजर आ रहे हैं। अगले वर्ष फिर से आने का न्योता वे यहाँ से स्वीकार करते हुए जाते हैं। सभी श्रद्धालु अगले वर्ष पूरे परिवार के साथ पहुँचने काा संकल्प लेकर ही जाते हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: