पटना (आर्यावर्त डेस्क) एकता परिषद एवं उनके समान विचारधारा रखने वाले 'धाराओं' का जनांदोलन 2018 सत्याग्रह पदयात्रा की तैयारी चरम पर है.राजधानी पटना में संचालकों की बैठक सह प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि वर्ष 2007 में जनादेश सत्याग्रह पदयात्रा में 25 हजार वंचित समुदाय के लोग ग्वालियर से दिल्ली पदयात्रा की थी. इसके बाद वर्ष 2012 में जन सत्याग्रह आंदोलन में 80 हजार से अधिक लोग ग्वालियर से दिल्ली चले थे.मगर आंदोलन को आगरा में ही रोकना पड़ा.मोहब्बत की नगरी में केंद्र सरकार और एकता परिषद के नेता सहमत होकर मांगों पर हस्ताक्षर कर दिए. 2007 और 2012 की मांग को लागू नहीं कर.यह कारनामा यूपीए-1 और यूपीए-2 की सरकार के कार्यकाल में हुआ.दोनों समय पीएम मनमोहन सिंह थे.जो लोगों का मन मोहने में अक्षम साबित हुए और चुनाव हार गए.
दो बार के महा शिविर नायक तीसरी बार भी पी.व्ही.राजगोपाल
महान गाँधीवादी हैं पी.व्ही. राजगोपाल. लोकनायक जयप्रकाश जी के साथ काम किए हैं.एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष हैं.ढलती उम्र के कारण अध्यक्ष पद छोड़ दिए हैं.सम्प्रति अध्यक्ष डॉ.रनसिंह परमार हैं.उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी हैं.उन्होंने कहा कि पी.व्ही.राजगोपाल जनांदोलन 2018 के महा शिविर नायक हैं.लगातार तीसरी बार महा शिविर नायक बन करके राजगोपाल जी ने कृतिमान स्थापित किया है.
बिहार में जनांदोलन की तैयारी चरम पर
बिहार से पांच सौ की संख्या में सत्याग्रही हरियाणा जाएंगे.इसकी व्यापक तैयारी जारी है.पटना में संचालकों की बैठक सह प्रशिक्षण दिया गया.6 सूत्री मांग को फोकस कर लोकल अधिकारियों को जानकारी जा रही है कि हमलोग हरियाणा जा रहे हैं.इस प्रदेश के पलवल में 25 हजार लोगों का जुटान है. 2 अक्टूबर से जनांदोलन 2018 शुरू होगा.
पलवल में चार दिन रहेंगे
6 सूत्री मांग को लेकर चार दिन गरमागरम विचार मंथन होगा.पक्ष और विपक्ष के लोग मंच सांझा करेंगे.कांग्रेस वाले बी.जे.पी.को और बी.जे.पी.वाले कांग्रेस पर भड़ास निकालेंगे.इस तरह की 6 सूत्री मांग है..दोनों आंदोलन से उत्पन्न मांगों को समेटकर 6 सूत्री बनाया है। जो इस प्रकार है.. राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन,भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन को लेकर पलवल (हरियाण) से दिल्ली तक पदयात्रा करेंगे.
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