बिहार : साठ साल का मसला को सलटाने में कुर्सेला अंचल के सी.ओ.अक्षम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 28 अगस्त 2018

बिहार : साठ साल का मसला को सलटाने में कुर्सेला अंचल के सी.ओ.अक्षम

  • दक्षिणी मुरादपुर पंचायत के महादलित टोला तिनघरिया में पुनर्वासित हैं गंगा नदी से कटाव पीड़ित, 60 परिवार गंगा नदी से कटाव पीड़ित थे, उनमें 16 पर चल गयी कैंची , 44 पुनर्वासित मांग रहे हैं वासगीत पर्चा
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कुर्सेला: इस प्रखंड में है दक्षिणी मुरादपुर पंचायत. गंगा नदी के किनारे करीब साठ परिवार झोपड़ी बनाकर रहते थे.गंगा नदी के उग्र रूप के शिकार गरीब परिवार हो गए.देखते-देखते ही तिनका जोड़ -जोड़कर निर्मित झोपड़ियां गंगा मइया की गोदी में समा गयी.सभी परिवार कटाव पीड़ित हो गए.

काफी दौड़ लगाने के बाद महादलित टोला तिनघरिया में पुनर्वासित किया गया
कटाव पीड़ित अनिल राम कहते हैं कि गंगा नदी के विकराल रूप धारण करने से 1958 से कटाव पीड़ित हैं.काफी दौड़ धूप लगाने के बाद सरकार ने दक्षिणी मुरादपुर पंचायत के महादलित टोला तिनघरिया में मौजा /थाना 291,खाता नं.2121 और खेसरा नं. 6267 है. ज.नं.2121 बनाम विजय वो जगदीश वो गोपाल वो लालू अग्रवाल पिता- श्री प्रसाद सेठ बिहार सरकार द्वारा तिनघरिया महादलित टोला के पुनर्वास में अर्जित रकवा 147 एकड़ लगान 6.69/खाता 2121 खेसरा 626 रकवा 1.47 ए०मांग -68-69 वसूली नगण्य खतियानी विवरणी मौजा मुरादपुर थाना नं.2  291खाता 2121 खेसरा   6267 रकवा 1.47 आसामी का नाम विजय अग्रवाल वो जगदीश अग्रवाल वो गोपाल अग्रवाल वो लालू अग्रवाल पिता- श्री प्रसाद सेठ  खेसरा 6267 रकवा के 1.47 ए.किस्म भीठ दो.इसी जमीन पर कटाव पीड़ितों को बसाया. 60 कटाव पीड़ित थे. 16  परिवारों पर अंचल कार्यालय, कुर्सेला की कैंची चल जाने से 44 परिवारों को रेवड़ी की तरह जमीन सीमांकन कर दी गयी.

4 राम परिवारों को ही 1-1 डिसमिल जमीन 
स्व.दीपनारायण राम की विधवा द्रोपति को,स्व.भूषो राम की विधवा अमीरिका देवी को,स्व.भोला राम के पुत्र बबलू राम को और स्व.मोती राम के पुत्र नागो राम को 1-1 डिसमिल जमीन दी गयी.कायदे से न्यूनतम 3 डिसमिल मिलनी चाहिए.

प्रगति ग्रामीण विकास समिति का प्रयास
खुद को अर्पण कर दिए हैं प्रदीप प्रियदर्शी समाज सेवा कार्य करने में.उनका नेक इरादा है.इसी लिए कार्यकर्ता भी कार्य करने में पीछे नहीं हटते हैं.प्रखंड समन्वयक प्रदीप कुमार ने कटाव पीड़ितों के बीच में सामुदायिक स्तर पर ईकाई बनाकर कटाव पीड़ितों के बीच में चिंगारी लगा दिया है.अब वासगीत पर्चा देने की मांग होने लगी है.

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