नई दिल्ली 17 सितम्बर, देश की मुद्रा रुपया पिछले कई दिनों से डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा है, वहीं, सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। जबकि सप्ताहांत पर ही सरकार ने गिरावट थामने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की थी। वित्तमंत्री अरुण जेटली का कहना है कि अमेरिका-चीन के बीच छिड़े व्यापार युद्ध और तेल उत्पादन में गिरावट जैसे वैश्विक कारकों के कारण ऐसा हो रहा है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "ये गिरावट वैश्विक कारकों के कारण हुए हैं। वैश्विक स्तर पर कम से कम तीन ऐसी चीजें हो रही हैं, जिसका असर हम पर पड़ रहा है।" जेटली ने कहा, "पहला तेल उत्पादन में गिरावट हो रहा है, जिससे मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा, "दूसरा व्यापार युद्ध छिड़ गया है और हम नहीं जानते कि कब यह समाप्त होगा। बेशक इसका असर हमारे क्षेत्र की प्रमुख मुद्राओं (चीन समेत) पर पड़ रहा है।" उन्होंने कहा कि इन दो कारकों के साथ अमेरिका के आंतरिक आर्थिक फैसलों के असर से डॉलर मजबूत हो रहा है। वित्तमंत्री ने कहा, "..इस सुबह भी डॉलर में जबरदस्त मजबूती आई, जिसका असर क्षेत्र की मुद्राओं पर पड़ा।" सोमवार को सेंसेक्स में 500 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 140 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, रुपया गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 72.51 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि इसके पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 71.86 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।
मंगलवार, 18 सितंबर 2018
वैश्विक कारकों के कारण शेयर बाजार, रुपया गिर रहा : जेटली
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