दुमका : 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा यह कार्यक्रम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 15 सितंबर 2018

दुमका : 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा यह कार्यक्रम

‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान का दीप प्रज्जवलित कर  डीडीसी ने किया शुभारंभ
dumka-dm-inaugrate-swachhata-hi-sewa-programe
अमरेन्द्र संुमन, दुमका स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत इंडोर स्टेडियम दुमका में दिन शनिवार को ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान का शुभारंभ किया गया। यह अभियान 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा।  इस अभियान का शुभारंभ करते हुए डीडीसी, दुमका वरुण रंजन ने  कहा कि स्वच्छता के महत्व को समझाने की जरूरत नही है, सभी लोग इससे वाकिफ हैं। पिछले 3- 4 वर्षों से देश स्वच्छ्ता के मानकों पर ऊपर है। सभी को स्वच्छता अपनाने की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका ,सहिया, ,स्वच्छ्ताग्रही संदेश वाहक बनकर घर-घर जाऐं व लोगों को जागरुक करें। अभियान के दौरान गांव, पंचायत , प्रखंड, ब्लॉक , स्कूल  में कई-कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को इससे जोड़ने का कार्य करें। जब तक व्यक्ति अपनी आदतों को नही बदलेंगे तब तक स्वच्छता का माहौल नहीं बनेगा। श्रम दान कर लोग समाज, राज्य व देश तक तक स्वच्छता का संदेश पहुंचाएँ। डीडीसी वरुण रंजन ने कहा मुखिया अपने-अपने पंचायतो के एक-एक गांव को गोद लें व अभियान के भागीदार बनें। यह कार्य एक अभियान का रूप ले और सभी 206 पंचायत मॉडल के रूप में उभर कर सामने आए। ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ में यह संकल्प लें कि हम सभी अपने-अपने गांव, स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल बनाऐगें। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को झारखंड को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाना है। बहुत सारे योग्य लाभुक अभी भी शौचालय से वंचित है। जिप्र ने उन्हें चिन्हित कर शौचालय उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। प्राथमिक रूप से आप सभी शौचालय का निर्माण करें और खुले में शौच से मुक्त झारखण्ड बनाने में सहयोग दें। स्वच्छ भारत अभियान  गंदगी के खिलाफ एक लड़ाई है। यह लड़ाई तभी जीत पाऐंगें जब सभी साथ मिलकर लड़ेगें। इस अभियान के दौरान पेंट योर टॉयलेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। सबसे बेहतरीन पेंटिंग को 2 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। सभी बढ़-चढ़ कर प्रतियोगिता में भाग लें। अपर समाहर्ता इन्दु गुप्ता ने कहा कि इस अभियान के दौरान स्कूलों के बच्चों को विशेष रूप से स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जाए। मुखिया, जलसहिया अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहण पूरी तत्परता से करें। जब तक लोगों की सोच नही बदलेगी तब तक यह अभियान सफल नही होगा।  दुमका स्वच्छता के मानकों में सबसे ऊपर रहे यही कार्यक्रम का उद्देश्य है। स्वच्छता के प्रति जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक प्रधानमंत्री का सपना पूरा नही होगा। निदेशक एनईपी विनय कुमार सिंकु ने कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान एक आदमी से संभव नही है, इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। तभी पीएम मोदी का स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा। इस अभियान को गांव स्तर पर बहुत ही व्यापक रुप से चलाया जाय। उन्होंने कहा कि सिर्फ शौचालय निर्माण कराने से ओडिएफ घोषित नही हो सकता, शौचालय के उपयोग को भी जानना जरुरी है। निदेशक डीआरडीए दिलेश्वर महतो ने कहा कि इस अभियान से जुड़ कर अपने जिला को निर्धारित समय में ओडिएफ बनाने में सफल बनाएँ।  अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। ओडीएफ तभी माना जाता है जब शौचालय का उपयोग किया जाता है। स्वच्छ्ता का मतलब सिर्फ शौचालय का उपयोग करना नही होता, बल्कि स्वच्छता आपके व्यक्तित्व पर दिखना भी चाहिए। कई बार लोग शौचालय निर्माण तो करते हैं लेकिन टंकी का निर्माण नही करते हैं। एसडीओ ने कहा जागरूक बनें, ,शौचालय आपके लिए है। यह स्वच्छ्ता की दिशा में एक पहल है। माताओं, बहनों को शौच के लिए अंधेरे का इंतजार करना पड़ता है। सरकार ने इन सभी के दर्द को समझा है। आप भी अपने माताओं, बहनों के दर्द को समझें। सरकार प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है। अपने घर मे शौचालय का निर्माण अवश्य करें। इस अवसर पर कार्यपालक अभियंता पीएचईडी व बड़ी संख्या में मुखिया, सहिया, जल सहिया, सेविकाएँ इत्यादि मौजूद थीं।  

कोई टिप्पणी नहीं: