आखिर कब तक इस प्रकार का दर्दनाक मौत देखने को मिलता रहेगा।
बेगूसराय (अरुण कुमार) घटना निर्मलग्राम तेतरी की है,आज सबेरे 15 सितम्बर 2018 को प्रसिद्ध ग्राम तेतरी में झूलती बिजली की तार गिरने से जिसमे बिजली प्रवाहित हो रही थी।शौच जाने के क्रम में हुई दर्दनाक मौत।आज विज्ञान इतना आगे बढ़ गया है फिर भी नायें तकनीकी यंत्रण का आभाव है यहां,अगर नूतन तकनीकी यंत्र का उपयोग किया गया होता तो जरा सी भी फॉल्ट आने पर विद्युत प्रवाह स्वयं बैंड हो गई होती और किसी की जान जाने का सवाल ही नहीं उठता।खैर इस तकनीकी यंट की बात तो दूर अभी कितने ऐसे गाँवों में ऐसे तार झूल रहे हैं जिससे खतरा उन सभी गाँव वालों के सिर पर मंडरा रही है।कब किस गाँव में किसके साथ क्या हादसा हो जाए कौन जानता है।आजकल बिजली विभाग वालों की तनख्वाह यतानी हो गई है कि बेरोजगारों को फ्रेंचायजी के तौर पर काम करवाते हैं,अगर काम करते वक्त इन्हें कुछ हो जाये तो फिर या बिचारे गरीब तो बे-मौत मारे जाएँगे इन्हें कौन सरकारी अनुदान या इनके घरवालों को अनुकंपा पर नौकरी या पेंशन मिलने वाला है।कोई आधार नहीं इनका निराधार पेट के लिये अपनी जान के साथ जुआ खेलते रहते हैं,कारण मात्र एक ही गरीबी। अरुण देवी उम्र लगभग 62 वर्ष, पति-सीताराम यादव, ग्राम-तेतरी, थाना- डंडारी, जिला- बेगूसराय के निवासी है जिनका मौत शौच जाने के क्रम में गिरी हुई बिजली की तार से करंट लगने से हो गई, जिसके वजह से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है,गौरतलब हो कि आज से लगभग 9,10 साल पहले यह गांव बलिया अनुमंडल के डंडारी प्रखंड का इकलौता ऐसा गांव है जो निर्मल ग्राम घोषित हो चुका है घटनास्थल पर अरुण देवी के अलावा उसी जगह करंट लगने से ही एक खरगोश और एक गीदड़ की भी दर्दनाक मौत हुई है, बिजली विभाग इतना लापरवाह है कि जब भी थोड़ा सा वर्षा या हवा होता है तो कहीं पोल गिर जाता है तो कहीं तार गिर जाता है, जबकि यहां थोड़ा सा भी आंधी या तूफान जैसी कोई स्थिति नहीं थी फिर भी तार गिर गई, अगर बिजली विभाग यहां cover wire दी होती और आज से लगभग 10 साल पहले झूठ मूठ का सिर्फ कागज पर ही निर्मल ग्राम घोषित नहीं हुआ होता तो उस गरीब के घर में भी शौचालय रहता और वह शौच के लिए बाहर नहीं जाती और ना ही उनकी दर्दनाक मौत होती। इसके मृत्यु का कारण बिजली विभाग को जाता है अतः इस हर्जाने की भरपाई भी बिजली विभाग को ही करना होगा।याबी करेगा या नहीं,या फिर बिचौलियों में ही मुआवजाओं के पैसों का बन्दर बाँट हो जाएगा।क्योंकि आज के इस दौर में बिचौलियों की भी कमी नहीं है।खैर क्या होगा ये तो समय ही तय करेगा।
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