बाढ़ के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को पौष्ट्रिक आहार खरीदने के लिए
पटना,16 सितम्बर। जब से दीघा बिंद टोली से विस्थापित होकर बिंद समुदाय के लोग कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुनर्वासित हुए हैं.तब से बिंद टोली में गंगा नदी का पानी हेल जाना निश्चित है. यह सिलसिला तीन साल से जारी है. बता दें कि दीघा से कुर्जी आने पर गंगा नदी का विकराल रूप प्रथम बार बिंद टोली के लोग देखे थे.घर-द्वार छोड़ बाढ़ राहत शिविर में रहे.सरकार की ओर से पर्याप्त राहत सामग्री वितरित की गई.वहीं बाढ़ के दौरान शिशु होने पर प्रोत्साहन राशि दी गयी.कन्या शिशु को 15 व बच्चा को 10 हजार रू.दिया गया. बता दें कि पहले शहर से सड़क सम्पर्क भंग होने के बाद रक्षा बंधन के दिन से बिंद टोली के राह पर और घरों में पानी हेलना शुरू कर दिया.इसी भीषण अवस्था में गर्भवती महिलाओं का प्रसव पीड़ा शुरू हो जाता है.करीब एक दर्जन महिलाओं का बच्चा हुआ.बता दें कि अखिलेश महतो और फुलावर्ती देवी को पुत्र रत्न प्राप्त हुआ.इनका सामान्य प्रसव था.अकलू महतो व सविता देवी को पुत्र रत्न प्राप्त हुआ. उसका लोअर सेगमेंट सीजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) हुआ.सूरज महतो व सूरती देवी को कन्या शिशु हुई है.इनका भी एलएससीएस से हुआ है. कुर्जी बिंद टोली में बाढ़ के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को पौष्ट्रिक आहार खरीदने के लिए सरकार प्रति बच्चा बीस हजार रू. दें.यह मांग बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह ने की हैं.उन्होंने कहा कि 25 अगस्त से लोगों का धंधा मंदा पड़ गया है.इसका असर लोगों के आहार पर पड़ने लगा है.शिशु को स्तनपान करवाने वाली मां पौष्ट्रिक आहार की जरूरत है.जो जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने में सहायक है.
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