हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानी अमर है : नीतीश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 20 सितंबर 2018

हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानी अमर है : नीतीश कुमार

hazrat-imam-hussain-amar-nitish-kumar
पटना, 20 सितम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोहर्रम के अवसर पर करबला के शहीदों एवं हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। नीतीश ने कहा कि मैदान-ए-करबला में नाइंसाफी, जुल्म, अहंकार के विरूद्ध हक और सच्चाई के लिए हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों द्वारा दी गई कुर्बानी अमर है। इसे हमेशा याद किया जायेगा। इससे प्रेरणा लेकर हमें इंसानियत, सच्चाई और भलाई के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिये। उन्होंने मोहर्रम के अवसर पर राज्यवासियों से अपील कि है कि वे हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को याद करें और सच, इंसानियत, हक और भलाई के आदर्शों को अपनाते हुये बुराई, अहंकार और आतंक के विरूद्ध वातावरण बनायें। मुख्यमंत्री ने मोहर्रम को पूरे मेल-जोल, भाईचारा और आपसी सौहार्द्र के साथ मनाये जाने की अपील राज्यवासियों से की। मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है। 680 ई में करबला (इराक) में की गई जंग में इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन को इस महीने की 10वीं तारीख को शहीद कर दिया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं: