बेगूसराय : इन्सानों का अन्तिम लक्ष्य क्या होना चाहिये। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 15 सितंबर 2018

बेगूसराय : इन्सानों का अन्तिम लक्ष्य क्या होना चाहिये।

human-last goal
बेगूसराय (अरुण कुमार), बेगूसराय के दो दिवसीय कार्यक्रम के दरम्यान आज राइडर राकेश की साइकिल पहुँची बरौनी। जहाँ स्थानीय संस्थान द डेस्टिनेशन में फ्रीडम फ़ॉर जेंडर विषय पर परस्पर संबाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राकेश ने छात्र-छात्राओं एवम स्थानीय बुद्धिजीवियों से उपर्युक्त विषय पर संवाद किया।"भ्रूण हत्या"आजकल जैसा कि देखने और सुनने को मिल रहा है कि गर्भवती महिला के परिवार वालों को लड़कन के लिये आए दिन प्रताड़ित कर गर्भ में यदि लड़की होती है तो उसका गर्भपात काराय दिया जाता है,तथा कथित डॉ• से मेल मिलाप करके जब कि सरकारी घोषणा के के अनुसार गर्भपात करना या करवाना जुर्म है।इसके लिये सजा का भी प्रावधान है ऐसा कानून अपराध करार दिया गया है फिर भी यह अपराध हो ही रहा है।आवश्यकता है ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने की।"दहेज" दहेज भी आज समाज के लिये अभिशाप ही साबित हो रहा है।आज दहेज के नाम पर कई तो गरीबी की हालात में आत्महत्या तक कर लेती हैं कहीं तो स्वयं कुवाँरी कन्यायें तो कहीं कुवाँरी कन्याओं के पिता जो अपने बच्चियों के शादी के लिये मोती रकम नहीं जुटा पाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।और ऊपर से ऐसी गरीब लड़कियों पर समाज के तरफ से छींटाकशी करना,उलाहना देना,ज्यादा उम्र हो जाने पर बदचलन तक कह देना अपने ही समाज के बेटियों को।बाकी कुछ को जैसे तैसे पैरवी पैगाम या हाथ पैर जोड़कर किसी तरह विवाह कर भी दिया जाता है सामर्थ्य के अनुसार तो ऐसे बेटियों को ससुराल वाले जला देते हैं या फिर जलाने पर मजबूर कर देते हैं इस तरफ भी सरकार के साथ साथ समाज को भी शख़्त और ठोस निर्णय लेकर आगे बढ़ना होगा जिससेके इस कलंकित प्रथा का जड़ से उन्मूलन हो सके। ये सारी बातें इंगित करती है महिला उत्पीड़न की तरफ।साथ ही अन्य सामाजिक उत्थान की बातों पर चर्चा करते हुए आग्रह किया कि दहेज वाली शादी का समाज में बहिष्कार किया जाय। समारोह का शुभारंभ राइडर राकेश, संस्था के निदेशक अभिजीत कुमार, नितेश कुमार आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर अविनाश शास्त्री, विनीत, मिलिंदर, बबलू, अभिषेक, पूजा, मोना, प्रेरणा, लक्ष्मी, आदि मौजूद थे।

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