बेगुसराय : कवि सम्मेलन सह "रस्सा खोल"काव्य" संग्रह का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 16 सितंबर 2018

बेगुसराय : कवि सम्मेलन सह "रस्सा खोल"काव्य" संग्रह का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह।

kavi-samelan-begusaray
आज हिंदी पखवाड़ा के साथ साथ आंख के डॉक्टर सह युवा कवि डॉ• अभिषेक कुमार लिखित काव्य संग्रह "रस्सा खोल" पुस्तकावलोकन और कवि,लेखक नीलांशु रंजन का सम्मान समारोह का संयुक्त रुप से आयोजित कवि सम्मेलन का रुप देते हुए कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सबों ने काव्य गोष्ठी का आनन्द से आनन्दित होते रहे।इस कार्यक्रम के उद्घाटन पुस्तकावलोकन कर संयुक्त रूप से वरिष्ठ कवि कस्तूरी झा "कोकिल",कवि अशान्त भोला जी,आनन्द रमण, कवि,पत्रकार,लेखक,नीलांशु रंजन जी,अमर शंकर झा जी,सगुप्ता ताजवर,रुपम झा,सावंत शेखर ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर नीलांशु रंजन को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए काव्य पाठ की ओर बढ़ते हुए उपस्थित सभी कवियों ने अपना अपना स्वरचित कविताओं का पाठ किया।मंच संचालन शेखर सावंत ने अपने ओजस्वता भारी वाणियों से काफी ताली बटोरे।प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा की काव्य पाठ काफी उत्कृष्ट और ज्वलन्त समसामयिक रहा।बेगूसराय के मंचों पर जब कवि प्रफुल्ल आते हैं तो उस मंच की गरमा ही कुछ और होता है।

कोई टिप्पणी नहीं: