दिव्यांग अंजू और शीला ने ठाना है बकरी पालन कर गरीबी दूर भगाना है, प्रगति ग्रामीण विकास समिति का खुद्दार बनाने का प्रयास जारी
समेली: इस प्रखंड में छोहार पंचायत.इस पंचायत की मुखिया हैं भारती देवी.यहां पर कुसियारी मुसहरी है. जो वार्ड नम्बर-11है.वार्ड सदस्या हैं लाखो देवी.वे भी महादलित मुसहर हैं. खैर,यहां पर अंजू कुमारी और शीला कुमारी नामक विकलांग हैं.जिनको नि:शक्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत है.दोनों को स्वीकृति पत्र देने के बाद समेली प्रखंड के बड़ा बाबू ने कहा कि अपने पंचायत के पंचायत सेवक को इस स्वीकृति पत्र और अपनी बैंक की अकाउंट नम्बर की फोटो कोपी देना और कहना कि बैंक में जाकर खाते से लिंक करा दें. इसके बाद पंचायत सेवक बैंक से लिंक कराकर प्रखंड को पेंशन स्वीकृति पत्र और बैंक अकाउंट नम्बर वापस कर देंगे.इसके बाद कुछ औपचारिकता पूर्ण करने बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा. काफी मुश्किल से पंचायत सेवक का नाम मालूम हुआ.मो.अनबारुल हक हैं.वे काफी व्यस्त रहते हैं.रहना भी चाहिए. उन पर सरकार मेहरबान हैं और जनता हलकान हैं.हक साहब को चार पंचायतों की जिम्मेवारियां थोप दी गयी है. मलहरिया, छोहार, डूमर आदि.पंचायत सेवक जी रहते हैं कुसियारी में.हमेंशा घर में ताला बंद रहता है. काफी मुश्किल से साहब के मकान मालिक की भतीजी सानिया और राहत नाम की कन्याओं ने डूबते मन को सहारा दिए. इन दोनों के माध्यम से पेंशन स्वीकृति पत्र और बैंक अकाउंट नम्बर की फोटो कोपी पहुंचा दी गयी है.इसके बाद परिश्रम करके पंचायत सेवक की मोबाइल नम्बर प्राप्त किया.मोबाइल से सारी बात बता दी गयी है.पेपर लिखकर भी जानकारी दी गयी है . प्रगति ग्रामीण विकास समिति के प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर ने अपना मोबाइल नम्बर भी दे दिए हैं.काम कर देने का आश्वासन पंचायत सेवक ने दिया है.
बकरी का बच्चा खरीदकर पालन करेंगे दिव्यांग
कहा जाता है कि बूंद-बूंद से तालाब भर जाता है.इसी को साबित करने में दिव्यांग अंजू कुमारी और शीला कुमारी लग गयी हैं.दोनों ने कहा है कि नि:शक्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि मिलने पर बकरी का बच्चा खरीदेगी.उक्त बच्चे का अच्छी तरह से लालन-पालन करेंगी.वह हमारा आय का साधन बनेगा.बता दें कि इन दोनों को समिति का पी.सी.का प्रोत्साहन मिल रहा है. दोनों दिव्यांग और पी.सी. एक नमूना पेश करना चाह रहे हैं.यह नमूना समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी ने पटना जिले के विक्रम,दुल्हिन बाजार और पालीगंज सदृश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शानदार ढंग से करके दिखाया है.
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