- राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम से 1983 में 14 हजार रूपए में निर्मित खपरैल मकान जर्जर
- अब तो इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना रख दिया गया है तब भी नहीं मिलता लाभ
समेली: इस प्रखंड में है मुरादपुर पंचायत है. इस पंचायत की मुखिया अनिता देवी है.यह मुसहरी वार्ड नम्बर-16 में पड़ता है.वार्ड सदस्या मिथिलेश रविदास की पत्नी है. सरकार,जन प्रतिनिधि और नौकरशाहों से उपेक्षित है पोखर टोला मुसहरी ठाकुरबाड़ी.यहां पर 25 घरों में महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं.जनसंख्या करीब 122 है.चार पुश्त से रहने वाले महादलितों में से एक भी मैट्रिक पास नहीं हैं.यहां के केवल जीवच्छ लाल ऋषि ही पांच क्लास तक पढ़े हैं.जो रिकॉड है. खुद से अधिक साक्षर बन गए जीवच्छ लाल ऋषि कहते हैं कि यह मुसहरी जमींदार सुखमार मर्र की जमीन पर बसा है.मुसहरी का कुल रकवा 8 कट्टा है.आगे कहते हैं कि उक्त जमींदार के पोत्र विनय मंडल नहीं चाहते थे कि चार पुश्त से रहने दादा जी की जमीन पर रहे.सो विनय मंडल ने शैतानी हरकतकर मुसहरों को भगाना चाहा.1978 में मुसहरी में आग लगा दी.मुसहरी में कोहराम मच गया.कटिहार के जिला समाहर्ता आ धमके.मौके पर सी.ओ.को आदेश दिया कि महादलितों को वासगीत पर्चा निर्गत करें.15 दिनों तक पुलिस शिविर लगाकर रखने को कहा.विनय मंडल पर केस हुआ.शैतानी हरकत करने वाले विनय मंडल पैरवी व पैसे के बल पर जेल नहीं गया.बाद में सी.ओ. कार्यालय द्वारा किसी को एक डिसमिल तो किसी को दो डिसमिल जमीन का वासगीत पर्चा मिला.इसके बाद राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम से घर बना. बहरहाल खंडहर में तब्दील है 1983 में निर्मित मकान.यह मकान राष्ट्रीय ग्रामीण नियाेजन कार्यक्रम से बना है.उस समय खपरैल मकान बनता था.जो 35 सालों में जर्जर हो गया है.अब तो खपरैल मकान कहने पर भी शंका होने लगा है.मकान है पर खपरा और फूस नहीं है. तो यह स्वाभाविक है कि ऐसी स्थिति में किस तरह से महादलित रह पाएंगे. तो यह घर भूत बंगला में तब्दील हो गया है. 1983 से 2018 तक केवल राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम के तहत खपरैल एवं फूस के घर ही बना.इसके बाद 20हजार ,45हजार और 70 हजारी घर नहीं बना.प्रधानमंत्री आवास योजना से घर बने.खुशीलाल ऋषि ने आवेदन दिया है.रोजगार के लिए पलायन कर गए खुशीलाल ऋषि की पत्नी मुन्नी देवी कहती हैं कि 6 बच्चे हैं. 4 लड़का और 2 लड़की हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें