माले महासचिव का. दीपंकर भटटाचार्य सहित शामिल हुए पटना के नागरिक
पटना 5 सितंबर 2018 कन्नड़ की प्रख्यात लेखिका व पत्रकार गौरी लंकेश की शहादत की पहली बरसी पर देशव्यापी आह्वान के तहत आज पटना में भी पटना के नागरिकों ने प्रतिवाद मार्च निकाला और कारगिल चैक पर प्रतिवाद सभा आयोजित की. प्रतिवाद सभा को भाकपा-माले के महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीआईएम के केंद्रीय कमिटी के सदस्य अरूण मिश्र, नाट्यकर्मी रंजीत वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार मणि आदि ने संबोधित किया. प्रतिवाद सभा का संचालन एआईपीएफ के संतोष सहर ने की. इसके पूर्व आइएमए सभागार से सैकड़ों नागरिकों ने प्रतिवाद मार्च निकाला. प्रतिवाद मार्च के दौरान संविधान पर हमला नहीं सहेंगे, देश में तानाशाही नहीं चलेगी, जो हिटलर की चाल चलेगा वह हिटलर की मौत मरेगा, कितना दम है दमन में तेरेे देख लिया है देखेंगे, हम सब शहरी नक्सल हैं आदि नारे लगाए जा रहे थे. प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए कामरेड दीपंकर ने कहा कि आज से एक साल पहले गुंडों ने गौरी लंकेश की हत्या कर दी थी. उसके बाद हमले और बढ़े ही हैं. आज केवल पुलिस ही नहीं बल्कि भीड़ को आम लोगों की हत्या की छूट दे दी गई है. भाजपा के नेता हत्यारों का स्वागत करते हैं. इसके कारण ऐसी ताकतों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों को ‘अर्बन नक्सल’ कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि भीमा कोरेगांव के असली दोषियों को बचाया जा रहा है. इस आपातकाल के खिलाफ आज पूरा देश बोल रहा है. हम इस सरकार से कहना चाहते हैं कि चाहे वह जितना भी दमन अभियान चला ले, इंसाफ का कारवंा रूकने वाला नहीं है. राजाराम सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान आज सब मोदी सरकार के तानाशाही से परेशान हैं. देश मोदी आपातकाल के दौर से गुजर रहा है. इस आपातकाल का भी वही हश्र होगा जो इंदिरा गांधी के जमाने के आपातकाल का हुआ था. प्रतिवाद सभा में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, तारकेश्वर ओझा, राजाराम, अभ्युदय, आइसा के मोख्तार, संस्कृतिकर्मी संतोष झा, प्रीति, समता राय, रंजीत वर्मा समेत इनौस के नवीन कुमार, रणविजय कुमार, रामबलि प्रसाद, विधायक महबूब आलम, उमेश सिंह, अशोक कुमार, सुमंत शरण, विधायक सुदामा प्रसाद, विकास यादव सहित सैकड़ो लोग शामिल थे
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