कुर्सेला.जब कुर्सेला प्रखंड कार्यालय से दिव्यांग का कार्य नहीं बना तो वह जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, कटिहार चला गया.आज वह तिनपहिया वाहन प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा कर दिया.
सामाजिक सुरक्षा कोषांग में पावती देने का प्रावधान नहीं
जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में दस्तुर नहीं है कि कोई आवेदक आवेदन दें तो उसको पावती दें.परंतु यहां पर दस्तुर नहीं है.यहां आवेदन प्राप्त करने का प्रमाण नहीं दिया जाता है.कुछ भी कर ले पर बड़ा बाबू देते ही नहीं हैं. यहां तक द्वितीय पत्र पर भी हस्ताक्षर नहीं करते हैं.हस्ताक्षर करने की मांग करने पर बड़ा बाबू लाल हो जाते हैं.गुस्से में तनमना कर आवेदन ही वापस करने लगते हैं. अब आवेदक क्या करें? बिना पावती के ही आवेदन दे दिया जाता है.अब आपकी मर्जी है आवेदन भूला दो या काम बना दो. इस ओर कटिहार की डी.एम.साहिबा को देखना चाहिए कि किन-किन विभागों में पावती नहीं देने का प्रावधान कर्मियों ने बना रखा है.इस ओर सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
क्या है मामला द्वियांग का
बल्थी महेशपुर मुसहरी,वार्ड नम्बर-8 में बिगो ऋषि और लीला देवी रहते हैं.इनके पुत्र हैं नन्दू कुमार ऋषि. नन्दू दिव्यांग हैं.90 प्रतिशत विकलांता हैं.जब 1999 में द्वितीय क्लास में पढ़ते थे.इसके बाद 1.1.2012 को नि:शक्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृति की गयी.अभी नन्दू कुमार नौवीं कक्षा में पढ़ते हैं.व्हीलचेयर नहीं रहने के कारण वह पढ़ाई छोड़ दी है.वह कहता है कि व्हीलचेयर मिल जाएगा तो पढ़ाई जारी कर देगा.
सेंचुरी अप के बाद ही आवेदन पर कार्रवाई
कोषांग के प्रधान सहायक हैं रामाशीष पोद्दार.इनका कहना है कि यहां पर हमलोग आवेदनों का जिला स्तर पर संग्रह करते हैं.इसी तरह प्रखंड स्तर पर भी होता है.जिला स्तर पर 42 आवेदन संग्रहित है.बारसोई प्रखंड के बीडीओ साहब के पास 14 आवेदन है.इस तरह सेंचुरी अप होने के बाद आवेदन को पटना भेजा जाता है.किसी कम्पनी के द्वारा वाहन तैयार करने बाद दिव्यांगों की मांग पूर्ण कर पाते हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें