केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही : चिदंबरम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 31 अक्टूबर 2018

केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही : चिदंबरम

center-hide-reality-chidambaram
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर, पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को उन खबरों पर पर चिंता जताई है, जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर केंद्रीय बैंक को निर्देश जारी किए हैं। चिदंबरम ने कहा कि यह दिखाता है कि सरकार हताश है और अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है। चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, "अगर सरकार ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर आरबीआई को अप्रत्याशित निर्देश दिए हैं तो मुझे डर है कि आज और बुरी खबरें आएंगी।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1991 या 1997 या 2008 या 2013 में धारा 7 का इस्तेमाल नहीं किया था। चिदंबरम ने कहा, "अब इस प्रावधान के इस्तेमाल करने की जरूरत क्या है? यह दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में तथ्यों को छिपा रही है और यह हताशाभरा है।" आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 7 सरकार को जनहित के मुद्दों पर बैंक के गर्वनर के साथ परामर्श के बाद आरबीआई को निर्देश जारी करने की अनुमति देती है। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार पर देश के सभी संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप लगाया। भाजपा के पूर्व नेता ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, "सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी है। सरकार देश के सभी संस्थानों को तबाह करने पर तुली हुई है। अब सही समय है कि लोग इन संस्थानों पर हो रहे सर्जिकल स्ट्राइक के खिलाफ खड़े हों।" यशवंत सिन्हा ने कहा, "अगर वास्तव में सरकार ने आरबीआई को निर्देश जारी किए हैं तो इसके गर्वनर को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।"

कोई टिप्पणी नहीं: