राजनितिक हलचल (झाबुआ) - राहुल द्वारा मंच से नाम लेने पर उम्मीदवार मान रहे हे अपना टिकिट पक्का - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 1 नवंबर 2018

राजनितिक हलचल (झाबुआ) - राहुल द्वारा मंच से नाम लेने पर उम्मीदवार मान रहे हे अपना टिकिट पक्का

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झाबुआ (अनिल श्रीवास्तव)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश मे दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार का अभियान आरंभ करने से पहले वे उज्जैन पहुचे व बाबा महाकाल के दर्शन कर पुजा अर्चना की। भोले बाबा से आर्शीवाद लेने के पश्चात श्री गांधी ने चुनाव प्रचार का आगाज किया। बाद मे वे दोपहर के पश्चात झाबुआ पहुचे जहा एक विशाल आम सभा को संबोधित किया। अपनी विशिष्ठ भाषण शेली से पहचाने जाने वाले राहुल गांधी ने यहा लीक से हट कर गंभीर शेली मे भाषण दिया। राजनितक गलीयारो मे यह उनका अभी तक का सर्वश्रेष्ठ मंजा हुआ भाषण माना जा रहा हे। हालांकी यहा उनके दिए भाषण कि विवेचना करना मेरा मकसद नही हे। मे यहा बात कर रहा हु उनके झाबुआ आने कंे बाद समुचे आदिवासी अंचल मे बने नए कांग्रेसी राजनितिक समीकरण करण की।

सोमवार को झाबुआ के कालेज मेदान पर कांग्रेस की विशाल आम सभा को संबोधित करने से पहले राहुल गांधी ने मंच से समुचे अंचल के कांग्रेसी नेताओ मे से कुछ प्रमुख नेताओ के नाम लिए जो जिले कि कांग्रेस की अंदरुनी राजनिति मे हलचल मचा गई। गली मोहल्लो व चोराहो पर यह चर्चा का विषय हो गया कि जिन लोगो के नाम मंच से राहुल गांधी ने लिए वे सभी अपने अपने क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकिट के दावेदार हे। कही ऐसा तो नही जिन लोगो के नाम राहुल ने मंच से लिए वो ही नाम आगामी निर्वाचन मे कांग्रेस पार्टी के घोषित प्रत्याशी हे। या क्षेत्रीय क्षत्रप सांसद कांतीलाल भुरिया द्वारा पार्टी से नाराज लागो को साधने कि कवायद भर हे। क्योकि जिले के जिन नेताओ के नाम राहुल ने मंच से लिए थे वे सभी मंचासीन भी थे। यह सामान्य बात थी व मंचीय परंपरा भी। जीन नेताओ के नाम लिए गए उन मे से एक दो नेताओ को छोड दे तो ज्यादातर वही नेता हे जो आगामी विधानसभा निर्वाचन मे किसी न किसी सिट से अपनी दावेदारी कर रहे हे। जो नाम मंच बोले गए वो लिस्ट भी जिले के किसी मंचासीन नेता ने ही राहुल गांधी को उपलब्ध करवाई होगी। अपने आरंभीक भाषण मे राहुल गांधी द्वारा मंच से इन नेताओ के नाम का लेना ही अंचल मे बडे वृहद रुप मे देखा जा रहा हे। ऐसा माना जा रहा हे कि आगामी चुनाव के संभावित कांग्रेसी उमीदवार यही पांच लोग हे। सुत्रो कि बात करे तो अति उत्साहित इन नेताओ ने भी अपनी उमीदवारी तय मान कर अपनी राजनितिक बिसात बिछाना शुरु कर दी व अंदरुनी तोर पर अपना प्रचार आरंभ कर दिया हे।

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अविभाजित झाबुआ जिले के आदिवासी अंचल कि जीन पांच महत्वपुर्ण कांग्रेस की गढ माने जाने वाली विधानसभा सीट की बात करे तो यह पांच विधान सभा क्षेत्र हे अलिराजपुर,जोबट,झाबुआ,थांदला व पेटलावद हे। इन विधानसभा सीटो के जिन जिन नेताओ के नाम राहुल गांधी ने मंच बोले हे वे सभी वर्तमान विधानसभा चुनवा मे कांग्रेस के टिकिट के दावेदार हे। श्री गांधी ने मंच से अलीराजपुर का नाम लिया वह महेश पटेल हे। महेश पटेल पुर्व विधायक वेस्ता रावत के पुत्र हे। व लगातार अलिराजपुर विधानसभा से दावेदारी कर रहे हे। दुसरा नाम जोबट की श्रीमति सुलोचना रावत का नाम लिया । श्रीमति रावत जोबट विधानसभा सिट की प्रमुख दावेदार हे व यही से पुर्व मे भी विधायक रह चुकि हे। तिसरा नाम सुश्री कलावती भुरिया का लिया जोकि 15 वर्षो से जिला पंचायत अध्यक्ष हे जिले कि राजनिति मे इनकी अच्छी पकड हे। झाबुआ व अलिराजपुर दोनो जगह से दावेदारी कर रही हे। चोथा नाम डा विकां्रत भुरिया का हे। पेशे चिकित्सक डाक्टर विकं्रात भुरिया जिले आदिवासी जन चेतना रेली निकाल कर घर घर पहुचने का प्रयास कर चुके हे व झाबुआ विधान सभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी कर रहे हे। वही पांचवा नाम विरसिह भुरिया का हे जोकि पुर्व मे थांदला विधानसभा क्षेत्र विधायक रह चुके हे व वर्तमान मे भी इसी सीट से अपनी दावेदारी कर रहे हे। छटवा नाम जेवियर मेडा का हे जोकि झाबुआ के पुर्व विधायक हे व वर्तमान मे झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी कर रहे हे। वही  सांतवा नाम वालसिह मेडा का हे जो कि पेटलावद विधानसभा के पुव्र विधायक हे व वर्तमान मे भी यही से अपनी दावेदारी कर रहे हे। वही कुछ लोग ओर भी हे जो कि अंचल मे कांग्रेस मे अलग अलग जगहो से अपनी दावेदारी कर रहे हे वे मंच से अपना नाम नही लिए जाने को सामान्य रुप से देख रहे हे। वे अपने टिकट मीलने के प्रति पुर्णतया आश्वस्त हे। 

सन् 2003 तक यह सभी विधानसभा सीट कांग्रेस कि परंपरागत गढ मानी जाती थी । 2003 के बाद सभी जगह पर भाजपा के प्रत्याशी काबिज हुए व 2008 मे पुनः झाबुआ थांदला व पेटलावद विधानसभा पर कांग्रेस ने अपना परचम फहराया । 2013 फिर से तीनो ही जगह पर भाजपा ने अपनी पुनः वापसी की।इसके बाद जिले पिछले 15 वर्षो से कभी सत्ता मे तो कभी बाहर होकर हांसीये पर पडी कांग्रेस एक बार फिर से राहुल गांधी कि परिर्वतन रेली व सभा के बाद नई उर्जा व उमंग के साथ भाजपा से दो दो हाथ करने कि पुरी तेयारी मे हे। बावजुद इसके असल मे पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार कोन होगा इसका पता तो उम्मीदवारो की नाम वापसी व पार्टी द्वारा घोषीत अधिकृत उम्मीदवार को बी फार्म दिए जाने पर ही चलेगा। 

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