बिहार : हम तो काम कर रहे थे नीतीश कुमार ने दिया हमें धोखा:- मांझी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 22 नवंबर 2018

बिहार : हम तो काम कर रहे थे नीतीश कुमार ने दिया हमें धोखा:- मांझी

nitish-cheated-manjhi
पटना 22 नवंबर 2018 गुरुवार,  हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा उन्हें धोखेबाज कहे जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है | मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार जी के द्वारा यह कहा जाना कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया और वह उन्हें धोखा देकर चले गए | यह उनका कहना बिल्कुल ही गलत है | मांझी ने कहा कि जो खुद धोखेबाज होता है, वही दूसरे को धोखेबाज कहता है | जिसकी रही भावना जैसी मिली प्रसाद तिन तैसी उन्होंने धोखा दिया समस्त बिहार को | राजद के साथ मिलकर के सरकार उन्होंने बनाई | फिर उन्होंने आज अपना सत्ता बचाने के लिए वह भाजपा के साथ चले गए | जीतन राम मांझी के साथ नीतीश कुमार ने धोखा दिया | उन्होंने कहा की जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था कि वह 15  महीना मुख्यमंत्री बना रहना है | क्या कारण है कि 8 महीना में उनको दिक्कत आ गए कि मुझे इस्तीफा देने के लिएबाध्य किए या कहें कि हटा दिए | मांझी ने कहा कि जीतन राम मांझी का मामला हो, बिहार की जनता का मामला हो, राजद का मामला हो, सब के साथ उन्होंने धोखा दिया |  मांझी ने स्पष्ट कहा कि उन्हीं के लिए कहा भी जा रहा है कि "ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नीतीश कुमार ने ठगा नहीं " चाहे  दिग्विजय विजय सिंह मामला हो, जॉर्ज फर्नांडिस का मामला हो,  शरद यादव जी का मामला हो, वह तो खुद एक बड़े धोखेबाज हैं| मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार के आंखों पर पड़े धोखेबाज चश्मा से सबको धोखेबाज ही वह समझते हैं | जो अच्छे लोग भी हैं उन्हें धोखेबाज ही दिखाई पड़ता है | यह उनका और उनके चश्मे का दोष है | मांझी ने कहा की मुझे मुख्यमंत्री जब नितीश कुमार ने जनता की सेवा के लिए बनाया था | तो मैं तो उन्हीं का काम कर रहा था | जनता की सेवा में दिन रात लगा था | जो उन्हें न ग्वार गुजर रहा था | हमने अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में जनता के हित में जो 34 निर्णय लिए थे | आज उन्हीं  निर्णय को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा नाम बदलकर और थोड़ा बहुत ऊपर नीचे कर कर उसी निर्णय को लागू कर आया जा रहा है | तो नीतीश कुमार कैसे कर सकते हैं कि मैं धोखेबाज हूं | मैं तो उनके कहने पर मुख्यमंत्री बना और जनता की सेवा ही तो कर रहा था | फिर मैं धोखेबाज कैसे हो सकता हूं ?

कोई टिप्पणी नहीं: