बेगूसराय : सिमरिया जाम में फँसे तो व्यक्त की अपनी अभिव्यक्ति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 10 नवंबर 2018

बेगूसराय : सिमरिया जाम में फँसे तो व्यक्त की अपनी अभिव्यक्ति

शिव प्रकाश भारद्वाज ने किस तरह दुहाई देने को वाद्य हो गये इस विज्ञान के युग मे भी अध्यात्म के लिये।
rajendra-bridge-simaria-zam
बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) यात्रा के दरम्यान आपका सारा program और plan धरा का धरा रह जाता है।बेगूसराय के सिमरिया पुल पर लगे जाम को लगता है हम और आप मानव जीवन के अंग के रूप में आत्मसात कर चुके हैं।इस पुल पर जाम का हिस्सा सबों को बनना पड़ता है।हो भी क्यों न सिमरिया घाट पर विश्वविख्यात श्मशान जो है।भारी भरकम प्रशासन पर भूत और प्रेत हावी हो जाते हैं।दर्जनों मानव का अंतिम संस्कार इस गंगा जी के घाट पर हर रोज़ होता है।इसमें अकाल मृत्यु वाले भी कई होते हैं।लगता है यही दिवंगत आत्मा traffic को disturb करते हैं। अब आप मुझे यह मत कहना कि पढ़ने लिखने के बाद कैसी बातें करते हैं।बचपन से सुनता आया हूँ कि जब विज्ञान समस्या का समाधान नहीं कर पाता है तो कुछ न कुछ अज्ञात शक्ति बना या बिगाड़ रहा होता है।IIT के इंजीनियर,IIM के मैनेजमेंट गुरु और so called करोड़ों के प्रतिनिधि नेताओं से समस्या का हल नहीं हो पा रहा है।यह तो पक्का है यहाँ का भूत और प्रेत सबों पर भारी है। हे, प्रेतात्मा गाड़ी में बैठे बैठे यात्री के plan को चौपट न करें।मज़बूरी में पैदल पुल पार कर रहे बच्चों एवं महिलाओं पर रहम करें।भारी भरकम बैग लेकर इन्हें चलने में परेशानी होती है।रोगियों को वैसे भी आपने warning bell दे दिया है।क्यों इन्हें direct श्मशान बुलाना चाहते हैं।आपके आशीर्वाद की आशा में,एक बेचारा जकाम का मारा।

कोई टिप्पणी नहीं: