मुंबई,आर्यावर्त डेस्क,28 नवंबर,2018, मुंबई स्थित वॉकहॉर्डट हॉस्पिटल के शिशु ह्रदय रोग केंद्र ने नवजात शिशुओं के ह्रदय रोग,जिसे आम भाषा में दिल में छेद होना भी कहते हैं ,के निवारण और नवजातों को ह्रदय रोग से बचाने के साथ उनके निराकरण का प्रण लिया है. बताया गया कि प्रतिवर्ष देश में डेढ़ लाख जन्मजात ह्रदय रोग ग्रसित बच्चों का जन्म होता है. वॉकहॉर्डट समूह के अध्यक्ष डॉ.हबील खोराकीवाला कहते हैं कि हम सभी बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और जन्मजात ह्रदय रोग ग्रसित शिशुओं का रोग निदान कर हम सैकड़ों माता पिता को अनमोल तोहफा दे सकते हैं.उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से हमने 5000 से ज्यादा नन्हें मुन्नों की जिंदगी बचाने का काम किया है. अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.सुरेश जोशी ने बताया कि बच्चों में कार्डियक प्रक्रिया जटिल होती है.वॉकहॉर्डट शिशु केंद्र ने चार साल के बच्चे का ओपन हार्ट सर्जरी भी सफलता पूर्वक निर्वहन किया है. बाल ह्रदय रोग निवारण में वॉकहॉर्डट नए आयाम स्थापित करने को प्रतिबद्ध है. वॉकहॉर्डट द्वारा इस अवसर पर " लिटिल हार्ट" की सफलता का एक जश्न भी मनाया गया जिसमें कई बच्चों सहित वॉकहॉर्डट के अध्यक्ष डॉ हबील खोराकीवाला,नफीसा खोराकीवाला,डॉ.हुज़ैफ़ा खोराकीवाला सहित रोटरी क्लब के अंतर्राष्ट्रीय निर्वाचित अध्यक्ष मार्क डेनियल मालोनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
बुधवार, 28 नवंबर 2018

मुंबई : जन्माजात शिशु ह्रदय रोग निवारण के लिए वॉकहॉर्डट का प्रण
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