विजय सिंह ,आर्यावर्त डेस्क,बैंगलोर,17 दिसंबर ,2018, बढ़ते उपभोक्तावादी संस्कृति,बढ़ते बाज़ार और आम आदमी की बढ़ती भागीदारी ने बाज़ार को रोज नए नए प्रयोग करने हेतु उत्प्रेरित किया है. वातानुकूलित बाज़ारों में भी आम आदमी ही ज्यादा नज़र आते हैं. छूट ,सेल ,फ्री और कैश बैक जैसे शब्दों ने आम आदमी को जैसे आत्ममुग्ध कर दिया हो.नकद की जगह क्रेडिट और डेबिट कार्ड ने ले ली है और अब तो भीम, यूपीआई, पेटीएम् जैसी संज्ञाओं ने आम आदमी को इस कदर आत्मसंयमित कर दिया है कि सोते में भी उसे कैश बैक ही दिखाई देता है. ऐसा ही एक उत्साह बैंगलोर के एक मॉल में देखने को मिला जब पेटीएम् के एक काउंटर में कैश
बैक प्राप्त करने के लिए लोगों की लम्बी लाइन लग गयी. अब यह बात अलग है कि कैश बैक के लिए पहले एप्प डाउनलोड करना होगा ,फिर खरीददारी करनी होगी और पैसे खर्च करने के बाद आपको लाटरी के माध्यम से निकले 25 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के कैश बैक मिलने की सम्भावना होगी. पे टी एम् के एक कर्मचारी ने मौके पर "लाइव आर्यावर्त" को बताया कि लोगों को लाटरी वाली चकरी घुमानी होगी और 25 से 500 अंकों वाली जिस अंक पर चकरी इंगित करेगी उतने का कार्ड दिया जायेगा ,जिसका उपयोग लोग हवाई जहाज के टिकट या चुनिंदा खरीददारी के लिए कर सकेंगे. परन्तु कैश बैक तभी मिलेगा जब खरीददारी पेटीएम् एप्प से की जाएगी.
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