दुमका: प्रशिक्षण-सह-सिलाई सेंटर का डीसी ने किया उद्घाटन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

दुमका: प्रशिक्षण-सह-सिलाई सेंटर का डीसी ने किया उद्घाटन

dc-dumka-inugrate
दुमका (अमरेन्द्र सुमन)  शिकारीपाड़ा प्रखंड के पंचायत सचिवालय मुड़ायाम पहुंचकर डीसी दुमका मुकेश कुमार ने दिन रविवार को  प्रशिक्षण-सह-सिलाई सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दुमका के डीसी श्री कुमार ने कहा कि 25 दिसंबर 2017 को बालीजोर को एक आदर्श गांव बनाने का संकल्प  लिया गया  था,  लेकिन उस समय बाली फुटवेयर की कल्पना भी नहीं की गई थी। उन्होंने कहा  कोई भी गांव तभी आदर्श गांव बन सकता है जब वहां के लोगों  को रोजगार की दिक्कत न हो। आर्थिक रूप से  लोग  सशक्त बनें और महिलाओं को उनके घर के आस-पास ही रोजगार मिल सके। जब तक आप सशक्त नहीं होंगे तब तक जिला प्रशासन का सपना सही मायने में पूरा नहीं होगा। जिला प्रशासन द्वारा बाली फुटवेयर की शुरुआत की इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया गया था।  उन्होंने कहा  हड़िया बेचने वाली महिलाओं के लिए आपके गांव की सारा हादसा एक उदाहरण है,  जिन्होंने अपनी झोपड़ी के नीचे से हड़िया बेचने का  सामान  हटाकर चप्पल बनाने का सामान लगाया है। सिर्फ सरकार के सोचने से कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता।  सरकार और जिला प्रशासन के सपनों को पूरा करने में आमजनों का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकारी स्कूल के बच्चों को जो चप्पल दिए जाते हैं वे स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनाएंगी  और उन चप्पलों को सरकार खरीद कर बच्चों को देगी। उन्होंने कहा कि यहां के प्रखंड की टीम का योगदान बालीजोर को आदर्श गांव बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण है। तहेदिल से प्रखंड  टीम को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि देवघर, दुमका के कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियां बालीजोर की महिलाओं द्वारा निर्मित चप्पल पहन रही हैं। मुझे विश्वास है आने वाले दिनों में  सभी घरों तक बालीजोर की महिलाओं द्वारा निर्मित चप्पल पहुंचेंगे। निश्चित रूप से इससे आप आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। आपके द्वारा निर्मित चप्पल  राज्यपाल,  मुख्यमंत्री व बड़े-बड़े लोग पहनते हैं। ये आपकी ताकत है। अब आप सभी के सहयोग से आस पास के गाँव मे हड़िया नहीं फुटवियर का निर्माण किया जाएगा। यह एक सकारात्मक बदलाव है और इसके लिए नारी शक्ति बधाई के पात्र हैं। आप सभी पूरी ईमानदारी से कार्य करें। खूब मेहनत करें,  आपकी मेहनत रंग ला रही है और आगे भी लाएगी। बाली हेड क्वार्टर का भी निर्माण किया जा रहा है। यह पहला प्रयोग है जहां प्रशिक्षण के साथ उत्पादन भी किया जा रहा है। आज बाली फुटवियर की चर्चा हर जगह हो रही है। लोग आपकी प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सगुन शुतम के माध्यम से भी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।   महिलाओं को स्टीचिंग का प्रशिक्षण देकर उनसे  स्कूल ड्रेस सिलाई का कार्य कराया जा रहा है। 20 दिसम्बर को नारगंज के सगुन शुतम केंद्र का उदघाटन किया जायेग। बासुकी अगरबत्ती, मयूराक्षी सिल्क सगुन शुतम या बाली फुटवियर इन सभी के माध्यम से महिलाओं को उनके घर के आस पास ही रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। बहुत जल्द आपके द्वारा निर्मित सामग्रियों को दूसरे देशों में भेजा जाएगा। इस अवसर पर डीसी  ने महिलाओं के बीच  कंबल व बाली फुटवेयर का वितरण किया। डीसी नेे  इस दौरान बाली हेडक्वार्टर के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया।  निर्माण कार्य को जल्द-जल्द पूरा करने को कहा। इस अवसर प्रशिक्षु आईएएस शशि  प्रकाश , जिला योजना पदाधिकारी अरुण कुमार द्विवेदी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत के मुखिया के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं: