मुंबई 03 दिसंबर, केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलों के मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को कहा कि यह हर देश के व्यापक हित में है कि वह व्यापार बाधाओं को कम से कम करे तथा व्यापार सुविधाओं को घरेलू कानून ढांचे के अंदर अधिक से अधिक संभावित स्तर तक लाना सुनिश्चित करे। श्री जेटली ने यहां विश्व सीमा शुल्क संगठन के पॉलिसी कमीशन के 80वें वार्षिक बैठक काे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये कहा कि व्यापार बाधाओं का लेनदेन लागत पर असर पड़ता है। किसी कारण से हुई देरी से लागत बढ़ती है, इससे प्रतिस्पर्धा कम हो जाती है और घरेलू अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की मेजबानी में यहां आयोजित बैठक में श्री जेटली ने कहा कि 1966 में विश्व व्यापार वार्ता की कार्य सूची में जब व्यापार सुविधा की शुरूआत हुई तो इस बारे में स्पष्टता की कमी थी। इसके बावजूद सभी देशों को निश्चित रूप से यह महसूस करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि इस पर ध्यान देने की जरूरत है और 2014 तक अधिकांश देश व्यापार सुविधा के महत्व पर सहमत हुए और डब्ल्यूटीओ आखिरकार व्यापार सुविधा के संबंध में एक समझौते पर सहमत हुआ। उन्होंने कहा कि पॉलिसी कमीशन डब्ल्यूसीओ का एक बहुत महत्वपूर्ण मंच है और विश्व अर्थव्यवस्था के लिए इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है, व्यापार अपने आप आगे बढ़ने लगता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी व्यापार सुविधा क्षमताओं में सुधार करने में आगे रहा है जिसका कामकाज को आसान बनाने की विश्व बैंक रैंकिंग में उसके स्थान से पता चलता है। भारत इस रैंकिंग में 2014 में 142वें पायदान पर था, जो 2019 में 77वें पायदान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि सीमा पार व्यापार के मानदंडों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। एक साल में देश 146वें स्थान से 80वें स्थान पर आ गया है। सीबीआईसी के अध्यक्ष एस रमेश ने बताया कि डब्ल्यूसीओ विश्व के 90 प्रतिशत व्यापार तथा 180 कस्टम प्रशासनों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। भारत इस संगठन का अभिन्न सदस्य रहा है। इस बैठक में 180 देशों के प्रतिनिधि हैैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूसीओ के पॉलिसी कमीशन की 80वीं बैठक का भारत द्वारा आयोजन करना अनूठा है, खासकर भारत अभी एशिया प्रशांत क्षेत्र का उपाध्यक्ष है।
सोमवार, 3 दिसंबर 2018
व्यापार बाधाओं को कम करे दुनिया भर के देश : जेटली
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