राममंदिर निर्माण के पक्ष में जनभावना का तूफान : विहिप - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 3 दिसंबर 2018

राममंदिर निर्माण के पक्ष में जनभावना का तूफान : विहिप

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नयी दिल्ली, 03 दिसंबर, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने सोमवार को दावा किया कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के पक्ष में देश में जनभावना का तूफान खड़ा हो गया है और राजधानी में नौ दिसंबर की धर्मसभा के बाद सरकार मंदिर निर्माण की खातिर अध्यादेश लाने या कानून बनाने के लिए बाध्य होगी।  विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में अब कोई राम विरोधी नहीं बचा है और सब रामभक्त हैं। मुस्लिम भाई भी राम को इमामे हिन्द मानते हैं इसलिये सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र में अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए विधेयक लाना चाहिए। इस विधेयक का कोई विरोध नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि आज सभी क्षेत्रों में सभी वर्गों के लोग पूरी ताकत से जुड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर हो या दक्षिण भारत देश के हर कोने में लोगों का मानना है कि राममंदिर निर्माण में अब देरी नहीं होनी चाहिए। श्री जैन ने कहा कि देश में विहिप के दो माह के जनजागरण अभियान के दो चरण पूरे हो चुके हैं। देश में 150 से अधिक स्थानों पर जनसभाएं आयोजित की जा चुकीं हैं और अनेक सांसदों को विहिप की स्थानीय इकाइयों के प्रतिनिधियों ने उनके क्षेत्रों में मिल कर ज्ञापन दिया है। अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में धर्मसभा में लोगों का अपार समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के सांसदों का भी कहना है कि व्हिप की बाध्यता के बावजूद वे संसद में राममंदिर के निर्माण के लिए विधेयक का समर्थन करना चाहेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विहिप के प्रतिनिधि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिल कर मंदिर निर्माण के लिए समर्थन मांगेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह द्वारा राममंदिर के पक्ष में विधेयक नहीं लाने और उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की प्रतीक्षा करने के संकेत दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर विहिप नेता ने कहा कि नौ दिसंबर के बाद श्री शाह और सरकार के विचार बदलेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सरकार को इसी सत्र में राममंदिर निर्माण के पक्ष में विधेयक अथवा अध्यादेश लाना पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुंभ मेले के समय 31 जनवरी-एक फरवरी को धर्मसंसद होगी जिसमें संत समाज जो भी निर्णय लेगा, विहिप उसी के अनुरूप कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि नौ दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली धर्मसभा ऐतिहासिक होगी और उसका परिणाम दूरगामी होगा। धर्मसभा को स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगद्गुरू रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, स्वामी ज्ञानानंद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैय्या जी जोशी, विहिप के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे, अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार संबोधित करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ किया कि राममंदिर निर्माण के लिए जारी जनजागरण अभियान पूरी तरह से गैर राजनीतिक है। जहां जहां भी धर्मसभाएं हुईं हैं वहां विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों ने दर्शकों के बीच विचारों को सुना लेकिन वे मंच पर नहीं आये। राम मंदिर के पक्ष में आये विपक्षी सांसदों की पहचान एवं पार्टी के नाम के बारे में पूछे जाने पर श्री जैन ने कहा कि वह वक्त आने पर इस बात को सप्रमाण बताएंगे। मंदिर मुद्दे और चुनाव के बीच संबंध को लेकर पूछे गये सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि उडुपी की धर्मसभा में ही इस बारे में पहले से ही तिथियां तय कर कर लीं गयीं थीं। मंदिर आंदोलन का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उस समय हमें संकेत मिले थे कि उच्चतम न्यायालय में प्रतिदिन सुनवाई होगी पर न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा मूल मुद्दों पर सुनवाई किये बिना ही सेवानिवृत्त हो गये लेकिन आज लग रहा है कि उच्चतम न्यायालय अनावश्यक विलंब कर रहा है। हमारा विश्वास है कि अब कानून बनना चाहिए। अब सरकार चाहे तो कानून बनाये या फिर अध्यादेश लाये।  श्री जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए आयोजित इस रैली के लिए विहिप ने व्यापक इंतजाम किये हैं। दिल्ली प्रांत के आठ जोन, तीस जिलों, 179 ब्लॉक, 2007 बस्तियों में बैठकें की गयी हैं। लाखों लोगों को घर पर संकल्प लिफाफे भेजे जा रहे हैं जिनमें अक्षत एवं रोली होगी। लोग अपने पूजास्थान में इसे रखेंगे और नौ दिसंबर को इसे किसी भी राममंदिर या राम के चित्र के समक्ष समर्पित करेंगे।

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