मालदीव-भारत सामरिक आर्थिक सहयोग के नये युग का सूत्रपात - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 17 दिसंबर 2018

मालदीव-भारत सामरिक आर्थिक सहयोग के नये युग का सूत्रपात

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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर, भारत एवं मालदीव के बीच आर्थिक एवं सामरिक सहयोग के एक नये युग का आज यहां सूत्रपात हुआ। भारत ने मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास में मज़बूती से साथ देने के वादे के साथ उसे 1.4 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की, वहीं मालदीव ने हिन्द महासागरीय रिम संघ (आईओआरए) में शामिल होने के साथ ही इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए भारत की सुरक्षा चिंताओं का ख्याल रखने का भरोसा दिलाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की तीन की दिन की यात्रा पर आये मालदीव के नये राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में ये फैसले लिये गये। दोनों देशों ने वीसा सुविधाओं, सांस्कृतिक सहयोग, कृषि व्यापार के क्षेत्र में सहयोग तथा सूचना, संचार प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सहयोग के चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये। दोनों देश स्वास्थ्य विशेषकर कैंसर उपचार, आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहयोग, निवेश प्रोत्साहन, मानव संसाधन विकास और पर्यटन के क्षेत्र में भी संस्थागत संपर्कों की स्थापना एवं सहयोग का फ्रेमवर्क तैयार करने पर सहमत हुए हैं।

श्री मोदी ने बैठक के बाद अपने प्रेस वक्तव्य में श्री सोलिह एवं मालदीव के शिष्ट मंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा, “भारत एवं मालदीव की मित्रता सिर्फ हमारी भौगोलिक समीपता के कारण ही नहीं है। सागर की लहरों ने हमारे तटों को जोड़ा है। हमें इतिहास, संस्कृति, व्यापार और सामाजिक सम्बन्ध हमेशा और भी नजदीक लाए हैं। दोनों देशों के लोग आज लोकतंत्र में अपनी आस्था और विकास की आकांक्षा से भी आपस में जुड़े हैं। आपकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच इन संबंधों के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव के लोगों के जीवन को बदलने की श्री सोलिह की सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को अंजाम देने और मालदीव में विकास का मानवीय रूप देकर और भी निखारने के प्रयास में, भारत हमेशा साथ है। उन्होंने कहा, “मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बजटीय सहायता, मुद्रा विनिमय और रियायती ऋण के रूप में 1.4 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता भारत प्रदान करेगा।”  श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए भी भारत का पूर्ण सहयोग रहेगा। बेहतर कनेक्टिविटी से माल और सेवाओं, सूचना, विचारों, संस्कृति और लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। स्वास्थ्य, मानव संसाधन विकास, आधारभूत ढांचा, कृषि, क्षमता निर्माण, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और पर्यटन में भी भागीदारी को और मजबूत बनाया जाएगा। अगले पांच वर्षों में मालदीव के नागरिकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए अतिरिक्त एक हज़ार सीटें देने का भी निर्णय किया गया है। श्री मोदी ने मालदीव के राष्ट्रमंडल और हिन्द महासागरीय रिम संघ (आईओआरए) में फिर से जुड़ने के निर्णय का स्वागत किया और पुरजोर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हम इस पर भी सहमत हैं कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए हमें अपने सहयोग को और गहन बनाने की ज़रूरत है। दोनों देशों के सुरक्षा हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक-दूसरे के हितों और चिंताओं के प्रति सचेत रहने पर भी हम एकमत हैं। उन्होंने कहा कि हम ऐसी किसी भी गतिविधि के लिए अपने देशों का उपयोग नहीं होने देंगे जिससे एक दूसरे को नुकसान हो। बाद में जारी दोनों देशों के एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि नये वीसा सुविधा समझौते से मालदीव के लोगों को बच्चों को भारत के स्कूलों में पढ़ाने आैर बीमार लोगों को भारत में उपचार कराने के लिए आने में सुविधा मिलेगी। वक्तव्य के अनुसार दोनों नेताओं ने हिन्द महासागरीय क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा बनाये रखने के महत्व को स्वीकार किया है। वक्तव्य में यह भी कहा गया कि वे क्षेत्र में आतंकवाद के हर रूप का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाएंगे। दोनों पक्ष पाइरेसी, संगठित अपराध, नशीले पदार्थों एवं मानव तस्करी जैसे समान चिंता के मामलों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाएंगे।

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