स्वास्थ्य : गैर-संक्रामक रोग महामारी पर विराम लगाने के लिए ज़मीनी नेत्रित्व ज़रूरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 31 दिसंबर 2018

स्वास्थ्य : गैर-संक्रामक रोग महामारी पर विराम लगाने के लिए ज़मीनी नेत्रित्व ज़रूरी

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एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र के अनेक देशों के स्थानीय निर्वाचित नेताओं ने घोषणापत्र पारित किया कि तम्बाकू नियंत्रण और गैर संक्रामक रोग महामारी पर अंकुश लगाने के लिए मज़बूत कदम उठाये जायेंगे. "एपी-कैट" के तीसरे समिट में 12 देशों के 30 शहरों से आये ज़मीनी नेताओं, जैसे कि, महापौर, राज्यपाल, उप-महापौर, उप-राज्यपाल, अन्य स्थानीय सरकारी अधिकारी, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, आदि, ने यह घोषणापत्र सिंगापुर में जारी किया. "एपी-कैट" के सह-अध्यक्ष और इंडोनेशिया के बोगोर शहर के महापौर डॉ बीमा आर्य ने कहा कि स्थानीय और ज़मीनी लोग यदि एकजुट होने पर ही बदलाव आएगा क्योंकि स्वास्थ्य एवं विकास नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में उनका केन्द्रीय नेत्रित्व अतिआवश्यक है.सरकारी सेवाएँ यदि सुचारू रूप से प्रदान की जाएँ जिससे कि जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता मिले, तो निश्चित तौर पर स्थिति सुधरेगी. देश के बड़े नेता और वैश्विक स्तर पर नीति-निर्माता जो वादे करते हैं, जैसे कि, सतत विकास लक्ष्य (SDGs), वैश्विक तम्बाकू नियंत्रण संधि (WHO FCTC), वैश्विक जलवायु परिवर्तन संधि (UNFCCC) आदि, उनको लागू करने में स्थानीय लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसीलिए स्थानीय नेताओं द्वारा पारित "एपी-कैट डिक्लेरेशन" (घोषणापत्र) इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि सतत विकास के लिए हर स्तर पर राजनैतिक समर्थन ज़रूरी है. नेपाल के सांसद और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री खागराज अधिकारी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य एवं विकास नीतियों को लागू करने से सम्पूर्ण देश और एशिया पेसिफ़िक क्षेत्र में प्रगति होगी. स्थानीय स्तर पर जो विकास और स्वास्थ्य सम्बंधित चुनौतियाँ हैं, उनपर मिलजुल कर काम करने की आवश्यकता है.

स्वास्थ्य और राजनीति
इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज़ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ तारा सिंह बाम ने कहा कि हम कितने स्वस्थ हैं यह अंतत: राजनीति से तय होता है। राजनीतिक निर्णयों का सीधा असर इस बात पर पड़ता है कि आम जनता कितनी स्वस्थ रहे। यही बात 'लैन्सेट' (विश्व-विख्यात चिकित्सकीय शोध पत्रिका) के मुख्य सम्पादक, डॉ रिचर्ड होर्टन, ने मार्च 2018 में कही थी। डॉ तारा सिंह बाम ने सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस) से कहा कि तम्बाकू नियंत्रण से हर साल 70 लाख से अधिक लोग मृत होते हैं. विश्व में 70% से अधिक मृत्यु का कारण हैं गैर संक्रामक रोग जिनमें हृदय रोग, पक्षघात, कैंसर, दीर्घकालिक श्वास रोग आदि शामिल हैं. तम्बाकू से गैर संक्रामक रोग होने का खतरा बढ़ता है. तम्बाकू नियंत्रण और गैर संक्रामक रोग से होने वाली असामयिक मृत्यु पर अंकुश लगाना, न सिर्फ जन स्वास्थ्य के लिए बल्कि राजनैतिक रूप से भी प्राथमिकता होनी चाहिए. डॉ तारा सिंह बाम ने कहा कि तम्बाकू महामारी से न केवल जन स्वास्थ्य कुंठित होता है बल्कि हर साल अमरीकी डॉलर 1.4 ट्रिलियन का आर्थिक नुक्सान होता है. इसीलिए तम्बाकू नियंत्रण सशक्त करने से न सिर्फ गैर-संक्रामक रोगों के अनुपात में गिरावट आएगी बल्कि आर्थिक रूप से भी देश मज़बूत होंगे.

एपी-कैट घोषणापत्र से मिलती है जन स्वास्थ्य को आशा
जो घोषणापत्र एशिया पैसिफ़िक के अनेक देशों से आये महापौर और स्थानीय सरकारी अधिकारीयों ने एपी-कैट (एशिया पैसिफ़िक सिटीज़ अलायन्स फॉर टुबैको कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन ऑफ़ एनसीडीज़) में पारित किया वह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसमें जन स्वास्थ्य के लिए जो कदम उठाने का वादा है वह सब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित और अनुशंसित नीतियों पर आधारित हैं.इस घोषणापत्र में स्थानीय नेताओं ने वादा किया कि, तम्बाकू सेवन में गिरावट आएगी; शराब सेवन में गिरावट आएगी; असंतुलित और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आहार में गिरावट आएगी; शारीरिक श्रम और गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी; हृदय रोग और मधुमेह के प्रबंधन में सुधार होगा; कैंसर प्रबंधन में सुधार होगा; और दीर्घकालिक श्वास सम्बंधित रोगों के प्रबंधन में भी सुधार लाया जायेगा. डॉ तारा सिंह बाम जो एपी-कैट सचिवालय के साथ जुड़े रहे हैं, ने बताया कि स्थानीय नेता और अन्य भागीदार अनेक प्रकार से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए तरीके से जन स्वास्थ्य को सशक्त कर सकते हैं, इन कदमों में शामिल हैं: सार्वजनिक स्थानों, जन परिवहन/ यातायात और कार्यस्थल पर तम्बाकू धूम्रपान को सख्ती से प्रतिबंधित करना; जन समुदाय से अपील करना कि घर और सामाजिक कार्यक्रमों में तम्बाकू धूम्रपान पर प्रतिबन्ध लगवाएं; तम्बाकू के हर प्रकार के विज्ञापन और प्रचार पर रोक लगवाना; राष्ट्रीय स्तर पर नीति बदलाव का समर्थन करना जिससे कि तम्बाकू पैकेट पर चित्रमय चेतावनी, बड़े से बड़े आकार में लागू हो और प्लेन पैकेजिंग की ओर सरकार राष्ट्रीय स्तर पर कदम उठा सके; और तम्बाकू उत्पाद पर कर में बड़ी वृद्धि करना. थाईलैंड एशिया का पहला देश है जिसने प्लेन पैकेजिंग को लागू किया है, यह अन्य देशों के लिए अनुकरणीय जन-स्वास्थ्य कदम होगा.

तम्बाकू उद्योग का जन-स्वास्थ्य में हस्तक्षेप है एक बड़ा अभिशाप
जन स्वास्थ्य नीतियों को लागू करने में सबसे बड़ी अड़चन और रोड़ा है तम्बाकू उद्योग. तम्बाकू उद्योग भांति-भांति प्रकार से जन स्वास्थ्य नीतियों में हस्तक्षेप करता रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनेक बार यह दोहराया है कि वैश्विक तम्बाकू नियंत्रण संधि को लागू करने के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है तम्बाकू उद्योग का हस्तक्षेप. इस एपी-कैट घोषणापत्र में स्थानीय नेताओं ने जन स्वास्थ्य में उद्योग के हस्तक्षेप पर अंकुश लगाने के वादे को दोहराया है. फिलीपींस के बालंगा शहर के महापौर और एपी-कैट के सह-अध्यक्ष फ्रांसिस अन्थोनी एस गार्सिया ने कहा कि सभी स्थानीय नेता और अधिकारी एकजुट हो कर तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप पर अंकुश लगायेंगे जिससे कि जीवन रक्षक जन स्वास्थ्य नीतियां प्रभावकारी ढंग से लागू हो सकें.

स्थानीय स्तर पर एकजुट होने से मज़बूत होगी जन स्वास्थ्य आधारशिला
स्थानीय नेताओं ने इस घोषणापत्र में वादा किया है कि तम्बाकू रहित पीढ़ी के सपने को अंजाम देंगे. अधिकाँश तम्बाकू सेवन बच्चों और युवाओं में आरंभ होता है इसीलिए ज़रूरी है कि बच्चे और युवा तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन न करें. बांग्लादेश के सांसद बैरिस्टर शमीम हैदर पटवारी ने कहा कि एपी-कैट जैसे फोरम ज़रूरी हैं जिससे कि स्थानीय नेताओं की आवाजें बुलंद हों. जब वह एपी-कैट सम्मलेन से वापस बांग्लादेश जायेंगे तो स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर तम्बाकू नियंत्रण और गैर संक्रामक रोग महामारी के नियंत्रण के लिए प्रभावकारी कदम उठाने में एपी-कैट घोषणापत्र सहायक होगा क्योंकि मज़बूत जन स्वास्थ्य नीतियों को एपी-कैट ने भी समर्थन दिया है. एपी-कैट में एशिया-पैसिफ़िक देशों के अनेक स्थानीय नेताओं को एक दूसरे से जन स्वास्थ्य पर हो रहे अनुकरणीय काम साझा करने का अवसर मिलता है. सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री (स्वास्थ्य और विधि/ कानून मंत्रालय) एडविन तोंग ने कहा कि 2019 में सिंगापुर सरकार जन स्वास्थ्य कानून में संशोधन प्रस्तावित करेगी जिससे कि तम्बाकू उत्पाद के स्टैण्डर्ड पैकेज सख्ती से लागू हो सकें. एडविन तोंग ने बताया कि सिंगापुर ने दशकों से व्यापक तम्बाकू नियंत्रण नीतियां अपनाई हैं जिनमें तम्बाकू उत्पाद पर कर बढ़ोतरी, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबन्ध, विक्रय स्थानों पर तम्बाकू उत्पाद के पैकेट दिखने पर रोक, और 21 साल से कम उम्र के लोगों को तम्बाकू उत्पाद बेचना गैर-कानूनी बनाना शामिल हैं (पहले यह आयु सीमा 18 साल थी).

एपी-कैट के दूसरे दिन प्रात: जल्दी उठ कर अधिकाँश स्थानीय नेता बोटैनिकल गार्डन गए जिससे कि शारीरिक गतिविधियां बढ़ सकें, और जो लोग इच्छुक हैं वह पैदल चल सकें या गार्डन में  दौड़ सकें. सिंगापुर का यह बोटैनिकल गार्डन विश्व का एकमात्र ट्रॉपिकल गार्डन है जो 2015 से यूनेस्को (UNESCO) की वर्ल्ड हेरिटेज साईट है. पूरे गार्डन में धूम्रपान सख्ती से प्रतिबंधित है. इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज के निदेशक और एनसीडी अलायन्स बोर्ड के अध्यक्ष, जोसे लुईस कास्त्रो ने कहा कि गैर-संक्रामक रोगों के कारण 4 करोड़ लोग हर साल मृत होते हैं. इन आंकड़ों के पीछे हमें इंसान भी देखने चाहियें क्योंकि हर मृत व्यक्ति किसी समुदाय, परिवार से जुड़ा हुआ था और महामारी पर अंकुश लगाने के लिए मानवीय संवेदना ज़रूरी है. जोसे लुईस कास्त्रो ने कहा कि सितम्बर 2018 में 193 देशों के प्रमुख को संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक (UNHLMs) में आमंत्रित किया गया था जिससे कि टीबी (तपेदिक) और गैर संक्रामक रोगों के नियंत्रण को उच्च-स्तरीय राजनैतिक समर्थन प्राप्त हो. राजनैतिक समर्थन हर स्तर पर आवश्यक है इसीलिए एपी-कैट में एशिया पैसिफ़िक देशों के स्थानीय नेताओं द्वारा पारित घोषणापत्र इतना महत्वपूर्ण हो जाता है.




शोभा शुक्ला और बॉबी रमाकांत, 
सीएनएस (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस)

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