- "द फैक्ट" द्वारा आयोजित 7 वाँ रंग ए माहौल के दूसरा दिन बिहार की विलुप्त हो रही लोक कला नाटक नेटुआ का हुआ सफल मंचन
बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) 21 दिसम्बर से चल रहे बिहार का सबसे बड़ा नाट्य समारोह सातवां रंग-ए-माहौल के दूसरे दिन शनिवार की संध्या रतन वर्मा लिखित एवं युवा रंग अभिनेता सह निर्देशक दिलीप गुप्ता अभिनीत व निर्देशित नाटक नेटुआ की शानदार नाट्य प्रस्तुति जिला मुख्यालय के दिनकर कला भवन में किया गया। यह लोक नाटक रंगसंस्था साइक्लोरामा नई दिल्ली द्वार प्रस्तुत बिहार की विलुप्त हो रही लोक कला नटुआ नाच को परंपरागत नाट्य शैली से अभिभूत लोकगीत एवं संगीत के सुदंर प्रयोग से नाच विद्या के कलाकारों की पीड़ा को स्पष्टतः दिखाने का प्रयास किया गया। अर्थात नस्तक अपनी लोक कला को बचाने की जद्दोजहद और कलाकारों को समाज में आई परेशानी का सजीव चित्रण इस प्रदर्शन में बखूबी दिखाया गया।। इस नाटक में मुख्य पात्र नेटुआ झमना की भूमिका में नाट्य निर्देशक दिलीप गुप्ता, विधा बाबू की भूमिका में राजेश बख्शी, सीतीया- हर्षिता गौतम, नारायण मिसिर- नरेन्द्र कुमार और मास्साब के किरदार में अविनाश तिवारी ने अपने प्रभावशाली अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया साथ ही अन्य पात्र ललित सिंह, राज तनवर, संदीप, अमित, जितेश शर्मा एवं निखिल द्विवेदी ने भी सशक्त अभिनय कर दर्शकों की खूब वाह वाही लूटी।। वहीं प्रकाश परिकल्पना राहुल चौहान तथा संगीत मण्डली में जमील खान, सचिन, रवि, अमरजी रे, विक्रांत शर्मा, सुधांशु फिरदौस ने अपने कर्णप्रिय मधुर संगीत से नाटक को और भी जीवंत कर दिया। विदित हों की निर्देशक दिलीप गुप्ता हिमाचल कल्चर रिसर्च फोरम एंड थिएटर अकादमी, मंडी हिमाचल प्रदेश से पास आउट तथा श्री राम सेंटर रेपर्टरी कंपनी, नई दिल्ली में 2007-11 तक प्रॉफिशनल आर्टिस्ट के रूप में सफल व देश के विभिन्न हिस्सों में अपने कार्यों की सहभागिता दी है।
नाट्य मंचन के पूर्व आगत अतिथि आयोजक फैक्ट रंगमंडल के अध्यक्ष बी आर के सिंह राजू जी, संस्था उपाध्यक्ष पूर्व एम एल सी व जदयू जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय, संयोजक-संजय कुमार, उपमेयर राजीव रंजन, विकास विद्यालय के निदेशक राजकिशोर सिंह, डॉ० कमलेश सिंह एवं समाजसेवी रजनीकान्त पाठक के द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। उक्त मौके पर संस्था के उपाध्यक्ष भूमिपाल राय ने कहा कि यह नाट्य महोत्सव हर वर्ष की भांति हमारे पारम्परिक पर्व दीपावली, होली, दुर्गापूजा आदि की तरह हम रंगप्रेमियों का इंतज़ार रहता है कि हमारा नाट्य पर्व रंग-ए-माहौल हो। फेस्टिवल डायरेक्टर प्रवीण कुमार गुंजन ने बताया की जब भारतीय रंगमंच शक्तिशाली संस्थानों व राजनितिक पहुंच वाले हाथों में असुरक्षित हो जाय तो पुनः हमें अपनी ऊर्जा को संचित कर रंगमंच को जनता के बीच लाना होगा।। हमारे द फैक्ट रंगमंडल द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित रंग ए माहौल को अब तक जैसा जनसमर्थन सहयोग और लोगों का प्यार मिला है वह दिखता है कि रंगमंच पर लोगों का विश्वास अब भी कायम है। रंगमंच के लिए जीनेवाले पूरी दुनिया के संघर्षशील कलाकरों को मैं सलाम करता हूँ और हम कलाकरों का हौसला आफजाई करने के लिए आप तमाम रंगप्रेमी दर्शकों का दिल से स्वागत करता हूँ। इस अवसर पर तमाम आमंत्रित अतिथियों को पुष्गुच्छ, अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह से ससम्मान सम्मानित किया गया। इस नाट्य समारोह को सफलता प्रदान करने में फेस्टिवल प्रबंधक चन्दन कुमार वत्स, युवा रंग अभिनेता अमरेश कुमार, रश्मि कुमारी, चन्दन कुमार, खुशबु, चन्दन कश्यप, दीपक, रविकान्त आदि कार्यकर्ताओं का महवपूर्ण योगदान काफ़ी सराहनीय रहा। कार्यक्रम में विनोदपूर्ण संचालन साहित्यप्रेमी युवा नाट्य निर्देशक व अभिनेता अभिजीत मुन्ना के द्वारा किया गया।
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