शिवपाल का शक्ति परीक्षण होगा ‘जनाक्रोश रैली‘ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 8 दिसंबर 2018

शिवपाल का शक्ति परीक्षण होगा ‘जनाक्रोश रैली‘

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लखनऊ, आठ दिसम्बर, समाजवादी पार्टी (सपा) में ‘उपेक्षा‘ के कारण अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा-लो) का गठन करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव रविवार को लखनऊ में ‘जनाक्रोश रैली’ करके अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। नयी पार्टी बनाने के बाद यह शिवपाल की पहली बड़ी रैली होगी। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू होने के साथ हो रही इस रैली में शिवपाल ना सिर्फ सपा में ‘उपेक्षा‘ के शिकार समाजवादी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश करेंगे, बल्कि समान विचारधारा वाले दलों को भी अपने पाले में दिखाने का प्रयास करेंगे। कुल मिलाकर शिवपाल के लिये यह रैली किसी शक्ति परीक्षण की तरह होगी। वर्ष 2016 में शिवपाल के संयोजकत्व में लखनऊ के ही रमाबाई रैली स्थल पर सपा की एक रैली में तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश की गयी थी। माना जा रहा है कि कल होने वाली रैली में शिवपाल खुद को एक नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगे। प्रसपा-लो के प्रवक्ता दीपक मिश्र ने कल होने वाली इस रैली के बारे में ‘भाषा‘ को बताया कि यह रैली पार्टी के लिये एक ‘लांच पैड‘ साबित होगी और इससे लोगों को अंदाजा हो जाएगा कि उनके सामने सूबे की सियासत में एक मजबूत विकल्प उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि ‘जनाक्रोश रैली‘ में तमाम समाजवादी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। उम्मीद है कि उन सभी का आशीर्वाद हमें मिलेगा। रैली में प्रसपा-लो का साथ देने का इरादा जाहिर करने वाले बहुजन मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय क्रांति समाजवादी पार्टी समेत करीब 40 विभिन्न दलों के नेताओं को भी मंच पर जगह दी जाएगी। इस सवाल पर कि क्या रैली में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को भी आमंत्रित किया गया है, मिश्र ने कहा कि इसका जवाब तो शिवपाल ही दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि रैली में दो लाख से ज्यादा की भीड़ जुटेगी, जो यह संदेश देगी कि प्रदेश की जनता के सामने एक और मजबूत विकल्प खुल गया है। यह पार्टी अवाम की आवाज बनकर अगले लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि जनता में केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों के खिलाफ काफी आक्रोश व्याप्त है। वह नफरत की राजनीति, भ्रष्टाचार और पुलिस उत्पीड़न से त्रस्त है। हम जनता के आक्रोश को स्वर देने का काम करेंगे और यह जताएंगे कि भाजपा का विकल्प सिर्फ और सिर्फ प्रसपा-लो ही है। इस बीच, शिवपाल की पार्टी की पहली रैली की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर का ‘लोहिया पथ’ और रैली स्थल रमाबाई अम्बेडकर स्थल शिवपाल की रैली के मद्देनजर पोस्टरों से पट गया है। शिवपाल सपा संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। मगर अपने भतीजे अखिलेश यादव से तल्खी के बाद शिवपाल सपा में हाशिये पर पहुंच गये थे। इसी साल अगस्त में सपा में ‘उपेक्षित‘ होने का आरोप लगाते हुए शिवपाल ने ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा‘ गठित किया था। बाद में पार्टी का पंजीकरण होने पर इसका नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया कर दिया गया था। नयी पार्टी बनाने के बाद शिवपाल का सपा के प्रति रुख खासा तल्ख हो गया है। हालांकि वह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का साथ पाने के भी तीव्र इच्छुक हैं।

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