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शनिवार, 8 दिसंबर 2018

महिला माओवादी ने किया समर्पण

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चेन्नई, आठ दिसम्बर, चेन्नई की एक अदालत में पोटा कानून के तहत वांछित घोषित एवं फरार चल रही एक माओवादी महिला ने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह 43 वर्षीय माओवादी पद्मा उर्फ सत्यामरी साल 2002 में कृष्णागिरी जिले में उथंगराई सशस्त्र प्रशिक्षण मामले में कथित तौर पर शामिल थी और उसने एक पोटा अदालत में समर्पण भी किया था।  आतंकवाद की रोकथाम के मकसद से बनाया गया पोटा कानून अब प्रचलन में नहीं है।  विशेष सरकारी अभियोजक एन विजयराज ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जेल में ढाई साल बिताने के बाद उसे 2005 में जमानत मिली ओर तब से उसका कुछ पता नहीं था। बीते साल उसे आदतन अपराधी घोषित किया गया। उसने शुक्रवार को पूनामल्ले पोटा अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।  एक साल पहले पोटा समीक्षा समिति ने भी उस पर और अन्य 31 लोगों पर लगे आरोपों को नहीं हटाया।  उन्होंने बताया, ‘‘उसका अचानक से आत्मसमर्पण सरकार के कई कदमों का नतीजा है जिसमें उसकी जमानत रद्द करना भी शामिल है।’’ पद्मा पर पोटा के अलावा आईपीसी की कई धाराओं, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज है।

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