अरुण कुमार (बेगूसराय) अभी अभी सूत्रों से जानकारी मिली है कि गया में शिक्षा के नाम पर पैसा कमाने के लिए बर्रर चेहरा सामने आया है।जी डी गोयनका स्कूल में अवैध पैसे की उगाही के लिए मासूम बच्चों पर बर्बर तरीके से जुल्म ढ़ाया जा रहा है।हैवानियत के शिकार हुए कई बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा है तो कई बच्चों ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया है।इस बेहद गंभीर मामले की शिकायत मिलने के बाद गया के सदर न को नोटिस जारी किया है.गया के सदर एस डी ओ ने जी डी गोयनका स्कूल को नोटिस जारी किया है।एस डी ओ की नोटिस के मुताबिक उन्हें जी डी गोयनका स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से शिकायत मिली है. इसके मुताबिक स्कूल ने बच्चों पर वार्षिक फीस,उन्नति फीस आदि के नाम पर पैसा वसूली करना शुरू किया गया है।कई बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल की इस अवैध वसूली पर एतराज जताया और पैसे देने से मना भी कर दिये। इसके बाद मासूमों पर जुल्मों का रवैया अख्तिया किया गया। जिस बच्चे ने पैसे देने से इन्कार किये उसके साथ बदसलूकी की गयी। कई बच्चों को परीक्षा देने से रोक दिया गया,कई बच्चों को इस कदर प्रताड़ित किया गया कि उन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा।अब नौबत यहाँ तक आ गई है कि बच्चे स्कूल जाने को तैयार नहीं है। एस डी ओ ने अपने पत्र में कहा है कि ये आपराधिक मामला है,इसके साथ ही ये शिक्षा के अधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन भी है।अनुमंडल पदाधिकारी ने स्कूल संचालकों से दो दिनों में जबाव मांगा है कि क्यों नही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये।
क्या कहता है कानून :- शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 17 के मुताबिक बच्चे को स्कूल में कतई प्रताड़ित नहीं किया जा सकता है।उसे कोई शारीरिक दंड नहीं दिया जा सकता है और ना ही मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा सकता है। इस धारा का उल्लंघन करने वाले स्कूल की मान्यता रद्द करने के साथ ही आपराधिक मुकदमा भी चलाया जा सकता है,हमने इस बाबत जी डी गोयनका स्कूल के प्रशासक सुरजीत सिंह से बात की तो उन्होंने खबर नहीं चलाने को कहा है।सुरजीत सिंह ने कहा कि उन्हें एस डी ओ का पत्र नहीं मिला है,लेकिन उन्होंने इसका जबाव तैयार करा लिया है।स्कूल के प्रशासक ने कहा कि उन पर लगे तमाम आरोप गलत हैं,बेबुनियाद हैं,ऐसा किसी साजिस के तहत हमारे संस्थान को बनाम करने की कोशिश कर रहे हैं शायद ये काम हमारे प्रतिद्वंद्वीयों का भी हो सकताआ है।
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