बिहार : मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान पर संकट गहराते - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 जनवरी 2019

बिहार : मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान पर संकट गहराते

वेतनादि देने के मसले पर सरकार की ढुलमुल रवैया
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पटना,17 दिसम्बर। बिहार सरकार की गलत नीति के कारण ऑक्सिलरी नर्स मिडवाइफ ए. एन. एम. का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। मालूम हुआ है कि सरकार ने सूबे की ए.एन.एम. को दो हिस्से में बांट कर रख दी है। एक हिस्से का पालनहार बिहार है तो दूसरे के तारणहार केंद्र सरकार है। पालनहार बिहार सरकार की ओर से 2210 हेड से और तारणहार केंद्र सरकार की ओर से 2211 हेड से जुड़ी ए.एन.एम. का वेतन भुगतान होता है। मजे की बात है कि बिहार सरकार ने अक्टूबर 2018 तक 2210 हेड वाली ए.एन.एम.का वेतन भुगतान कर दी है। वहीं 2211 हेड में केंद्र सरकार के द्वारा राशि विमुक्त नहीं करने से ए.एन.एम.का वेतन भुगतान नहीं हो पा रही है।इस ओर डबल इंजिन की सरकार की भूमिका संदिग्ध लग रही है? इसके कारण वेतन भुगतान में दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। ए.एन.एम. कहते हैं कि उम्मीद के हर द्वार से नाउम्मीद होने पर ही हमलोग हाजिरी बनाकर कार्य बहिष्कार कर देने का निर्णय लिया  है। जैसे ही 2211 हेड में राशि आवंटन कर दिया जाता है वेतन भुगतान का आदेश हो जाता है तब खुशी -खुशी से कार्यारंभ कर देंगे।

फिलवक्त  वेतन भुगतान की मांग के अलावे अन्य मांग को लेकर हाजिरी बनाकर कार्य बहिष्कार जारी है।  
13 महीने के बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर मंगलवार से जिले की 400 नर्सों ने कार्य बहिष्कार आंदोलन प्रारंभ कर दिया। इसके तहत सदर अस्पताल स्थित जिला प्रतिरक्षण कार्यालय व जिले के तमाम पीएचसी में ताला लगा कर नारेबाजी की। नर्सों के कार्य बहिष्कार के कारण मिजिल्स रुबेला कार्यक्रम प्रारंभ नहीं हो सका। नर्सो के हड़ताल के कारण 268 जगहों की बजाय जिले के मात्र 22 सेशन पर ही संविदा आधारित नर्सों के द्वारा काम करने के कारण मिजिल्स रुबैला टीकाकरण हो पाया। बताया जाता है कि नर्सों के कार्य बहिष्कार के कारण बुधवार व शुक्रवार को होने वाला नियमित टीकाकरण पर भी असर पड़ेगा। हड़ताली नर्सो को संबोधित करते हुए अराजपत्रित कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शशिकांत राय ने कहा कि बिहार सरकार समय पर वेतन देने की स्थिति में भी अब नहीं है, जिसकी वजह से 2016 से लेकर अब तक 13 महीने का वेतन बकाया है। उन्होंने कहा कि यही स्थिति आउटसोर्सिंग एवं अन्य कर्मियों के साथ भी है, जिस कारण जिले की सभी नर्स हाजिरी बनाकर अपने को स्वास्थ्य सेवा से अलग कर रखी हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों की सिर्फ एक ही मांग है कि सरकार काम के बदले समय पर वेतन दे। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार हमारी समस्या सुने, नहीं तो उसे सत्ता से बेदखल होना होगा। मौके पर कर्मचारी संघ के जिला मंत्री मोहन मुरारी, स्वास्थ्य सेवा संघ के लव कुमार, जिलाध्यक्ष आशा कुमारी, रेनू कुमारी, कृष्णा कुमारी, बिंदु कुमारी, कामिनी कुमारी शामिल थे।  वहीं दूसरी तरफ नगर निगम क्षेत्र के मध्य विद्यालय बाघा में डीडीसी कंचन कपूर ने मिजल्स रूबेला अभियान का उद्घाटन मंगलवार को किया। इस अवसर पर विद्यालय के 300 बच्चों को मिजल्स रूबेला की सुई लगाई गई। मौके पर सीएस डॉ बृजनंदन शर्मा, एसीएमओ डॉ वीरेश्वर प्रसाद, एसएमओ डॉ गीतिका शंकर, बाल विकास परियोजना के डीपीओ, शिक्षक नेता उमेश प्रसाद सिंह सहित काफी संख्या में मोहल्ला के लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर डीआईओ डॉ हरे राम कुमार ने बताया कि एएनएम के हड़ताल की वजह से जगतपुरा एवं शहरी क्षेत्र में ही प्रतिरक्षण का कार्यक्रम चल सका। अन्य जगहों पर कामकाज काफी प्रभावित हुआ है। 

वेतन भुगतान की मांग को लेकर एएनएम ने किया प्रदर्शन 
 बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर क्षेत्र की एएनएम ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद चेरिया बरियारपुर पीएचसी में एएनएम नें काम का बहिष्कार भी किया। सभी एएनएम उसके बाद धरने पर बैठ गई। नेतृत्व कर रही इन्दू कुमारी ने बताया संगठन के निर्णय का समर्थन करते हुए 15 जनवरी से शुरु हो रहे खसरा रुबेला टीकाकरण अभियान का भी बहिष्कार किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारे बकाया वेतन नहीं देती है हम सभी उसके चलाए गए अभियान का बहिष्कार करेंगे। मौके पर एएनएम राजकुमारी सिन्हा, मीरा कुमारी, प्रतिभा कुमारी, सविता कुमारी, मंजू कुमारी, पवन कुमारी आदि शामिल थीं। 

एएनएम और डाटा ऑपरेटर की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा चरमराई 
खोदावंदपुर के डाटा ऑपरेटर और एएनएम के हड़ताल पर चले जाने के कारण प्रखंड क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। हड़ताल के कारण गरीब गुरबे मरीजों के लिए परेशानियों का सबब बन रही है। रोगी बिना इलाज करवाए बैरंग वापस लौटने को मजबूर हैं। हड़ताल का प्रभाव व्यापक पैमाने पर पूर्व आहूत 15 जनवरी से खसरा रूबेला टीकाकरण कार्य भी प्रभावित हुआ है। हड़ताली एएनएम के विरोध की वजह से संविदा आधारित एएनएम के द्वारा खसरा रूबेला टीकाकरण कार्य सम्पादित नहीं की जा सकी। दूसरी ओर पीएचसी में सोमवार से ही डाटा ऑपरेटरों की हड़ताल आरंभ है। जिससे रोगियों का पुर्जा पीएचसी में नहीं कट पा रहा है। 

पीएचसी में कार्यरत एएनएम ने किया कार्य का बहिष्कार 
पीएचसी वीरपुर में कार्यरत एएनएम ने विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। जिससे इमरजेंसी को छोड़ अन्य कार्य बाधित हो गया। हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर ने बताया कि कार्य बहिष्कार के कारण मंगलवार को मिजिल्स रुबेला टीकाकरण कार्य का शुभारंभ नहीं हो सका।

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