नयी दिल्ली, 13 जनवरी, भारत एवं मध्य एशियाई देशों ने हर प्रकार के आतंकवाद की एक सुर से भर्त्सना करते हुए आज कहा कि इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था एवं लोगों को खतरा पैदा हो गया है तथा परस्पर लाभ की ऐसी परियोजनाआें पर मिल कर काम करने पर जोर दिया जिससे समस्या का हल निकले एवं आर्थिक प्रगति हो। उज़्बेकिस्तान के समरकंद शहर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ अफगानिस्तान, उज़्बेकिस्तान, कज़ाखस्तान, किर्गीज गणराज्य, ताजिकिस्तान एवं तुर्कमेनिस्तान के विदेशमंत्रियों ने भारत -मध्य एशिया संवाद की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया जिसमें उपरोक्त विचार व्यक्त किये गये। बैठक में सभी पक्षों ने सुरक्षा, स्थिरता एवं सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विषयों के साझा समाधान खोजने तथा परस्पर सहयोग एवं समर्थन बढ़ाने का संकल्प जताया। बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार सभी पक्षों ने भारत एवं मध्य एशियाई देशों के बीच प्राचीन सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं जनता के बीच संपर्क को याद किया और दाेनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों एवं परस्पर लाभदायक सहयोग को बढ़ाने के इरादे का इज़हार किया। वक्तव्य में सभी पक्षों ने हर प्रकार के आतंकवाद की भर्त्सना की और दुनिया की अर्थव्यवस्था एवं लोगों के लिए खतरा बन चुकी इस बुराई के खात्मे के लिए मिल कर काम करने की सहमति जतायी। मंत्रियों ने समस्याओं का हल करने वाली और मध्य एशिया की आर्थिक प्रगति से जुड़ी परियोजनाओं को समानता, परस्पर लाभ एवं एक दूसरे के हितों का ध्यान रखते हुए क्रियान्वित करने के महत्व को स्वीकार किया। उन्होंने परस्पर मुक्त व्यापार के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने एवं आर्थिक सहयोग बढ़ाने के अवसर पैदा करने का इरादा भी व्यक्त किया तथा उद्योग, पर्यटन, जनसंचार, खेल, विज्ञान तकनीक, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्युटिकल्स एवं कृषि, शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में निवेश, नवान्वेषण एवं प्रौद्योगिकी और व्यापार को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। वक्तव्य में कहा गया है कि मंत्रियों ने अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए अफगान लोगों की अगुवाई में उनके नियंत्रण वाली समावेशी शांति एवं मेलमिलाप की प्रक्रिया के प्रति समर्थन व्यक्त किया और अफगानिस्तान के ढांचागत विकास, पारगमन एवं परिवहन तथा ऊर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग का संकल्प दोहराया। वक्तव्य के अनुसार मंत्रियों ने मध्य एशियाई देशों की पारगमन एवं परिवहन संचार क्षमता के विकास के लिए सहयोग बढ़ाने तथा क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारे बनाने के लिए साझा पहल को प्रोत्साहित करने पर भी सहमति जतायी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे से जुड़े अश्गाबात समझौते में भारत के प्रवेश का भी स्वागत किया।
रविवार, 13 जनवरी 2019
आतंकवाद की भर्त्सना की मध्य एशियाई देशों ने
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