लखनऊ 13 जनवरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुम्भ मानवता का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है। श्री योगी ने कहा कि इस परम्परा को हमारे ऋषि-मुनियों, श्रद्धालुओं तथा आम जनमानस ने हजारों वर्षों से सहेज कर रखा है। प्रत्येक वर्ष एक विशिष्ट नक्षत्रीय स्थिति में माघ माह में प्रयाग के त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं को अमृृत्व की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को द्वारा कुम्भ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची’ में सम्मिलित किया गया है। मुख्यमंत्री रविवार को यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में इण्डिया टुडे द्वारा आयोजित ‘कुम्भ-2019 काॅन्फ्लुएन्स आॅफ माइन्ड्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए से विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विगत 16 दिसम्बर को स्वयं गंगा के पूजन से प्रयागराज कुम्भ-2019 का शुभारम्भ किया गया। पहली बार वैश्विक स्तर पर 71 देशों के राजदूतों ने प्रयागराज कुम्भ-2019 को वैधानिक मान्यता देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार सौ वर्षों में पहली बार प्रयागराज कुम्भ-2019 के श्रद्धालुओं को अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा। यह कुम्भ श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा एवं अच्छी व्यवस्था के लिए जाना जाएगा। उनकी सरकार आने के बाद ही कुम्भ को लेकर एक कार्य योजना तैयार की गई, जिसके दृष्टिगत कुम्भ मेला क्षेत्र को 3200 हेक्टेयर में बसाया गया है। इससे कुम्भ को दिव्य एवं भव्य, स्वस्थ और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
रविवार, 13 जनवरी 2019
कुम्भ मानवता का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम : योगी
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