पिछले साढ़े चार वर्ष में भारत में असहिष्णुता तथा गुस्सा बढ़ा है : राहुल गाँधी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 12 जनवरी 2019

पिछले साढ़े चार वर्ष में भारत में असहिष्णुता तथा गुस्सा बढ़ा है : राहुल गाँधी

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दुबई, 12 जनवरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को यहां कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में भारत में असहिष्णुता तथा गुस्सा बढ़ा है और यह सत्ता में बैठे लोगों की मानसिकता के कारण पनपा है।  कांग्रेस अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरत की यात्रा पर है। यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि भारत कई विचारधारा आत्मसात कर सकता है तथा लोगों पर कोई विचारधारा नहीं सौंप सकता है।  उन्होंने आम चुनाव से पहले वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के तौर पर आईएमटी दुबई विश्वविद्यालय के छात्रों से परिसंवाद में कहा,‘‘भारत में विचार आते हैं। भारत ने विचारों को गढ़ा है और विचारों ने भारत को गढ़ा है। अन्य लोगों को सुनना भी भारत का एक विचार है।’’  गांधी ने कहा, ‘‘सहिष्णुता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। किंतु पिछले साढ़े चार वर्षों में हमारे घर (देश)में जो हुआ, उसे देखकर काफी दुख होता है। हमने असहिष्णुता, काफी क्रोध तथा समुदायों के बीच खाई देखी है। यह सत्तापक्ष में बैठे लोगों की मानसिकता से पनपा है।’’  उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व सहिष्णु होता है तो वह सहिष्णु तरीके से काम करेगा और उस संदेश को फैलाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत आमतौर पर सहिष्णु है, हम दूसरे लोगों को सुनते हैं और हमें फिर उस ओर लौटने की जरूरत है।’’  गांधी ने कहा कि भारत भूगोल से कहीं अधिक हैं। वह दुनिया को देखने का एक विशेष तरीका है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत को महज उसकी सीमाओं तक सीमित नहीं करना चाहता।’’  कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम एक ऐसा भारत पसंद नहीं करेंगे जहां पत्रकारों को गोली मार दी जाती है, जहां लोगों की हत्या इसलिए कर दी जाती है क्योंकि उन्होंने अपनी बात रखी। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम बदलना चाहते हैं, आने वाले चुनाव में यही चुनौती है।’’  गांधी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र को मूल रूप से परिवर्तन की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भारत की कृषि व्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ी नहीं है।  उन्होंने कहा कि भारत को अपनी बैंकिंग प्रणाली के पुनर्गठन की जरुरत है ताकि छोटे और मध्य उद्यमों को बड़ी कंपनियां बनने के लिए वित्तीय संसाधन मिल सकें।  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास इस ग्रह का सबसे बड़ा जेनेटिक संसाधन है और अगले 10 से 15 वर्ष में उपचार तथा चिकित्सा स्वास्थ्य का यही स्वरूप होने वाला है।’’  गांधी ने कहा, ‘‘प्रतिभा पलायन 20वीं सदी का विचार है। 21वीं सदी में लोग ज्यादा गतिमान हैं और उन्हें जहां अवसर मिलते हैं वे वहां चले जाते हैं। व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि आपका देश अवसर मुहैया कराता है।’’  गांधी ने संयुक्त अरब अमीरात के संस्कृति, युवा और सामाजिक विकास मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान से भी मुलाकात की। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे प्रतिनिधिमंडल के लिए आयोजित दोपहर भोज में शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान से आज दुबई में मुलाकात करना सुखद रहा। वह भारत के सच्चे मित्र हैं और मैं अपने देशों के बीच रिश्ते मजबूर करने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को यहां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम से मुलाकात की और भारत तथा यूएई के बीच के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा की थी। इससे पहले उन्होंने भारतीय कामगारों को संबोधित किया और उद्यमियों से बातचीत की। गांधी ने इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल, दुबई के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की और पंजाबी समुदाय से मुलाकात की।

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