नई दिल्ली, 12 जनवरी, कांग्रेस ने शनिवार को आलोक वर्मा को दोबारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक के रूप में बहाल करने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाया जाना सही मायने में इंसाफ (नेचुरल जस्टिस) से इनकार करना है। पार्टी ने कहा कि यह फैसला राफेल जांच को बाधित करने के लिए लिया गया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक को एक अखबार को दिए गए बयान का जिक्र करते हुए सत्ताधारी पार्टी पर आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाने में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया। पटनायक ने चयन समिति की बैठक का पर्यवेक्षण किया। सिंघवी ने एक प्रेसवार्ता में कहा, "यह काफी गंभीर आवश्यक और महत्वपूर्ण है क्योंकि आखिरकार मसले वही हैं और इनमें परिवर्तन नहीं हुआ है। लेकिन मसला यह है कि जनहित के महत्वपूर्ण विषय को छिपाने के लिए जल्दबाजी, बेताबी और जरूरत दिखाई गई। यह सरकार डरी हुई है और मेरा मानना है कि यह बहुत साफ है कि बहुत कुछ छिपाने की कोशिश की जारी है।" इससे पहले पटनायक ने एक अखबार को बताया कि वर्मा के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का सबूत नहीं था और समिति ने फैसला काफी जल्दबाजी में लिया।
रविवार, 13 जनवरी 2019
आलोक वर्मा फिर से सीबीआई प्रमुख बहाल हों : कांग्रेस
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