बृहस्पतिवार से शुरू होगा जयपुर साहित्य उत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 23 जनवरी 2019

बृहस्पतिवार से शुरू होगा जयपुर साहित्य उत्सव

jaipur-lit-fest-starts-from-thursday
जयपुर, 23 जनवरी, वार्षिक जयपुर साहित्य उत्सव (जेएलएफ) बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रहा है जिसमें 350 से अधिक लेखक, विचारक, मानवतावादी, राजनीतिज्ञ और अन्य लोग हिस्सा लेंगे। पांच दिन के साहित्य उत्सव का आरंभ बृहस्पतिवार से होगा जिसमें हजारों आगंतुक शामिल होंगे। इसका आयोजन ऐतिहासिक दिग्गी पैलेस में किया जायेगा जिसे किसी बारात स्थल की तरह सजाया गया है।  आयोजकों ने बताया, ‘हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है...इस साल हमने कृत्रिम मेधा, आनुवांशिकी और भविष्य में हमारा ग्रह कैसा होगा, इस पर सत्र रखा है। इस साल ‘क्लाइमेट फिक्शन (जलवायु गल्प)’ जैसा नया शब्द है। यदि मधुमक्खियां गायब हो जाये तो क्या होगा, इस पर आधारित क्ली-फाई (क्लाइमेट फिक्शन) पर हमने बेहद सुंदर सत्र रखा है।  साहित्य उत्सव की सह निदेशक नमिता गोखले ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि इस समय हमारे देश में अनुभवजन्य सोच को प्रोत्साहन देना बेहद जरूरी हो गया है।’’  इस साहित्य उत्सव में नोबल पुरस्कार से सम्मानित वेंकी रामकृष्णन ‘विज्ञान के महत्व’ पर बोलेंगे, खगोल विज्ञानी प्रियंवदा नटराजन और कृत्रिम बुद्धिमता के प्रोफेसर टोबी वाल्श श्रोताओं को ‘अंतरिक्ष का मानचित्र’ और ‘वर्तमान में भविष्य कैसा है’ जैसे विषयों पर अपने अनुभव साझा करेंगे।  उत्सव के सह निदेशक विलियम डेलरिंपल अपने पिता के निधन के चलते इस साहित्य उत्सव के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे।इस साल साहित्य उत्सव में कई विदेशी लेखक भी भाग लेंगे । भारतीय वक्ताओं में राजनीतिज्ञ लेखक शशि थरूर, राजनयिक नवतेज सरना, किश्वर देसाई, इरा मुखोती, अमिताभ बागची, अमिताव कुमार, अनिता नायर, देवदत्त पटनायक, मकरंद परांजपे, नैना लाल किदवई और राणा दासगुप्ता शामिल हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: