नयी दिल्ली, 09 जनवरी, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा के भविष्य का फैसला करने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश ए के सिकरी को शामिल किया गया है। समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे, जबकि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की ओर से न्यायमूर्ति सिकरी समिति में शामिल होंगे। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर श्री वर्मा ने बुधवार को फिर सीबीआई प्रमुख का कार्यभार संभाल लिया। श्री वर्मा को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने छुट्टी पर भेज दिया था। शीर्ष न्यायालय ने श्री वर्मा को फिर से सीबीआई के प्रमख का पद संभालने का निर्देश देने के साथ ही कहा है कि वह कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इस मामले में केंद्र सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें श्री वर्मा को सीबीआई के प्रमुख के दायित्व से हटा दिया गया था। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले को सरकार को चयन समिति को भेजना चाहिए था। शीर्ष न्यायालय ने चयन समिति की बैठक सात दिन के भीतर बुलाये जाने और श्री वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीवीसी जांच के आधार पर फैसला करने का निर्देश दिया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा लिखे गये इस फैसले को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने फैसला सुनाया था, हालांकि श्री वर्मा को कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने से रोक दिया गया है। श्री वर्मा का सीबीआई के निदेशक के रूप में कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है । श्री वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ था।
बुधवार, 9 जनवरी 2019
वर्मा का भविष्य तय करने वाली समिति में जस्टिस सिकरी शामिल
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