मुंबई, 11 जनवरी, बॉलीवुड अभिनेत्री एवं निर्देशक पूजा भट्ट ने कहा कि महिलाएं अपनी उम्र के 40वें दशक में अपने दिलोदिमाग को बेहतर तरीके से समझने लगती हैं लेकिन उन्हें बड़े पर्दे पर सही से नहीं दिखाया जाता है। वहीं अभिनेता अपने से आधी उम्र का किरदार निभाते रहते हैं। भट्ट 18 साल बाद ‘सड़क2' से अभिनय की दुनिया में वापसी कर रही हैं। अभिनेत्री ने कहा, ‘‘ मैंने एक तरह से अभिनय को अलविदा कह दिया था लेकिन अगर आप एक बार कलाकार बन जाते हैं तो हमेशा कलाकार रहते हैं। जिंदगी के पास मेरे लिए अगल योजनाएं हैं। जैसे कि मैं अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी, मैं आर्किटेक्ट या अंतरिक्षयात्री बनना चाहती थी। लेकिन ‘डैडी’ में काम किया और बाकी तो इतिहास है ही।' अभिनेत्री ‘सड़क2' के साथ ही साथ एक वेब सीरिज में भी काम कर रही हैं। एक अभिनेत्री के तौर पर भट्ट की अब तक की आखिरी फिल्म ‘ एवरीबडी सेज आई एम फाइन’ थी। उन्होंने कहा, ‘‘ एक चीज जो मैं होते हुए नहीं देख रही हूं, वह यह कि निश्चित उम्र की महिलाओं को पर्दे पर अच्छे तरह से नहीं दिखाया जाता है। हमें आगे बढ़ना होगा। भारत में दरअसल मर्द बूढ़े नहीं होते। मर्दों से छोटी जो महिलाएं होती है, वह अचानक मां का किरदार अदा करने लगती हैं।'
शनिवार, 12 जनवरी 2019
भारत में मर्द बूढ़े नहीं होते हैं : पूजा भट्ट
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