राष्ट्रवाद नारेबाजी के बारे में नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाने के बारे में है : जावेद अख्तर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 23 जनवरी 2019

राष्ट्रवाद नारेबाजी के बारे में नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाने के बारे में है : जावेद अख्तर

nationalism-to-change-nation-javed-akhtar
पुणे, 23 जनवरी, जाने-माने पटकथा लेखक एवं गीतकार जावेद अख्तर ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रवाद या देशभक्ति ‘नारेबाजी’ करने या ‘असहमति’ जताने वालों से घृणा करने के बारे में नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली और समाज में बदलाव लाने के बारे में है। वह सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा यहां आयोजित ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स’ को संबोधित कर रहे थे। अख्तर ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज हमने सामाजिक प्रतिबद्धता, असली राष्ट्रवाद जैसी कई चीजों को पीछे छोड़ दिया है--आज हम राष्ट्रवाद, देशभक्ति जैसे शब्द सुनते हैं--आज, भारत राष्ट्रवादियों और राष्ट्र विरोधियों के बीच बंटा हुआ और अगर आप किसी बात पर किसी से असहमत होते हैं तो आप राष्ट्र विरोधी हैं।’’  उन्होंने कहा कि देशभक्ति या राष्ट्रवाद की नारेबाजी और आपसे असहमत लोगों से घृणा करने के रूप में गलत व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, राष्ट्रवाद या देशभक्ति नारेबाजी करने या आपसे असहमत लोगों से नफरत करने के बारे में नहीं बल्कि राष्ट्रवाद और देशभक्ति एक जीवनशैली है। यह समाज के मुद्दों पर गौर करने, बदलाव लाने के बारे में है और समाज में इन छोटे मुद्दों की पड़ताल करके हम भारत माता की सेवा कर सकते हैं।’’ 

कोई टिप्पणी नहीं: