दुमका (अमरेन्द्र सुमन) , हार्डकोर माओवादी, संगठन के दस्ते का सक्रिय सदस्य व 1 लाख का इनामी नक्सली महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन ने सरकार प्रत्यर्पण व पुर्नवास नीति से प्रभावित हो दिन गुरुवार को डीआईजी राजकुमार लकड़ा, डीसी मुकेश कुमार व एसपी वाई एस रमेश के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यह नक्सली शिकारीपाड़ा थाना के शंकरपुर ग्राम का रहने वाला हैं डीआईजी राज कुमार लकडा, डीसी मुकेश कुमार व पुलिस अधीक्षक वाई एस रमेश ने संयुक्त रुप से सरकार के आत्मसमर्पण नीति के तहत 1 लाख रुपये की नकद राशि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन को प्रदान किया। इस अवसर पर डीआईजी राज कुमार लकड़ा ने कहा कि उग्रवादियों द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों को बहाला-फुसला कर संगठन में शामिल कर लिया जाता है, ऐसे संगठनों से बाहर निकलकर मुख्यधारा में जीवन जीने के सरकार की आत्मसर्पण नीति मील का पत्थर साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि भटके हुए ग्रामीण मुख्य धारा में वापस लौटकर राज्य के विकास कार्यो में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा, चरणपंथ से भलाई नही होने वाली है। कोई यह सोचता है कि बंदूक के दम पर अपना शासन चलाए तो यह संभव नहीं है। डीसी दुमका मुकेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि सरकार की आत्पसर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादी को कई तरह के लाभ से लाभान्वित किया जाएगा। कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दी जायेगी। निःशुल्क चिकित्सा व चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाऐगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा से भी इन्हें जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत उग्रवादियों की पुत्रियों को भी सहायता राशि देने का प्रावधान है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्यार्पित उग्रवादी को 5 लाख का मुफ्त जीवन बीमा व बीमा के किस्तों का भुगतान भी सरकार के स्तर से किये जाने का प्रावधान है। आश्रितों को 1 लाख का मुफ्त जीवन बीमा का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा आत्मसमर्पित नक्सली स्वनियोजन के लिए 4 लाख तक का ऋण भी सरकारी बैंकों से प्राप्त कर सकते हैं। सरकार के प्रत्यार्पण व पुनर्वास नीति के तहत जमीन उपलब्ध करायी जाएगी। डीसी ने कहा महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन को ओपेन जेल में रखा जायेगा और फास्ट ट्रेक कोट की मद्द ली जायेगी। एस पी दुमका वाई एस रमेश व उनकी टीम को बधाई देते हुए डीसी ने कहा कि उग्रवादियों को आत्मसमर्पण के लिये बाध्य करना एक बड़ा दुष्कर कार्य है दुमका पुलिस की इस कामयाबी को कमतर नहीं आँका जा सकता। एस पी वाई एस रमेश ने कहा कि आत्मसमर्पित महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन को सरकारी प्रावधान के तहत सारे लाभ दिये जाऐंगे। पुनर्वास हेतु 4 डिसमिल जमीन भी जिप्र की ओर से दिया जायेगा। एस पी ने कहा कि भटके हुए लोग मुख्यधारा से जूड़े व अपने जीवन को बेहतर कार्यो में समर्पित करे। उन्होंने कहा नक्सल के विरुद्ध आॅपरेशन नियमित चलाया जा रहा है। मालूम हो, वर्ष 2012 में लेवी की राशि नही दिये जाने को लेकर काठीकुण्ड में जीवीआर कम्पनी के कैम्प में अचानक हमला कर आठ डम्फर व मशीन जला दिये जाने की घटना में शामिल महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन के विरुद्ध थाना काण्ड सं0ः 52/12 (30 नवम्बर .2012) धारा 147, 149, 342, 386, 435, 427 भादवि व 17 सीएलए व 13 यूएपी एक्ट के तहत मामला दर्ज है। इतना ही नहीं लिटीपाड़ा (पाकुड़) थाना काण्ड सं0 28/13 (10 अप्रैल .2013) धारा 147, 148, 149, 353, 307 भादवि, 27 आम्र्स एक्ट व 17 सीएलए। वर्ष 2013 के जुलाई माह में जमनी पहाड़ी पुल के समीप पुलिस वाहन पर नक्सली हमला, फायरिंग व पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार व 5 अन्य जवानों की हत्या, हथियार व गोला-बारुद की लूट में शामिल रहने के एवज में काठीकुण्ड थाना काण्ड सं0 55/13 (2 जुलाई .2013 धारा 147, 148, 149, 326, 307, 302, 427, 379 भादवि 27 शस्त्र अधि0 व 17 सीएलए व धारा 16 व 13 (1 ए) /18 यूएपी एक्ट। इसी वर्ष नजायज मजमा बनाकर हार्डकोर भाकपा माओवादियों द्वारा सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न कर पुलिस बल पर जान से मार डालने की नियत से गोली चलाने के विरुद्ध शिकारीपाड़ा थाना काण्ड सं0 141/2013 (13 नवम्बर .2013) धारा 147, 148, 149, 353, 307 भादवि, 27 आम्र्स एक्ट व 17 सीएलए एक्ट। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनाव संपन्न कराकर वापस लौट रहे मतदानकर्मी व पुलिस की गाड़ी को पलासी के निकट बारुदी सुरंग में विस्फोट से उड़ाने, तथा 5 इंसास रायफल व गोली लूटे जाने की घटना पर थाना काण्ड सं0 40/2014 (25 अप्रैल 2014) धारा 147, 148 149, 326, 307, 353, 302, 379, 427, 121 भादवि के तहत दर्ज मामले। नवम्बर 2014 में सीतासाल पहाड़ी पर नक्सली दस्ते की बैठक, सूचना पर पुलिस की पहुँच व सिलाईपहाड़ी से नक्सलियों के हटने के क्रम में पुलिस का साथ मुठभेड़ में पुलिस के भय से उनका पलायन, कैम्प से पुलिसकर्मियों द्वारा नक्सलियों के किये गए जब्त सामान व शिकारीपाड़ा थाना काण्ड सं0 127/2014 (21 नवम्बर 2014) धारा 147, 148, 149, 307, 353, 427 भादवि, 27 शस्त्र अधिनियम, 3/4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 17 सीएलए एक्ट व 13 यूपीए एक्ट जैसे दर्ज मामलों का अभियुक्त रहा है आत्मसमर्पित नक्सली महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन। झारखण्ड सरकार के प्रत्यर्पण एवं पुनर्वास योजना के अन्तर्गत पुलिस अनुदान स्वरुप व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था, प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधायें दी जायेगी। नक्सली महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन के विरुद्ध लंबित अपराधिक मामलों में सरकार की ओर से निःशुल्क वकील की व्यवस्था की जायेगी ताकि उसकी पैरवी हो सके। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस शशि प्रकाश, पुलिस के अधिकारी एवं प्रेस प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें