बिहार : 1 फरवरी को दलित चिंतक आनंद तेलतुंबड़े की प्रस्तावित गिरफ्तारी के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 जनवरी 2019

बिहार : 1 फरवरी को दलित चिंतक आनंद तेलतुंबड़े की प्रस्तावित गिरफ्तारी के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद.

दलितों-अल्पसंख्यकों, लोकतंत्र-संविधान पर हमले के खिलाफ 2 मार्च को इंसाफ मंच का होगा राज्य सम्मेलन.पटना में आज हुई राज्य कमिटी की बैठक, राज्य सम्मेलन को लेकर तैयारी समिति की हुई बैठक.
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पटना 27 जनवरी, दलितों-अल्पसंख्यकों, लोकतंत्र-संविधान पर लगातार बढ़ते हमले के खिलाफ इंसाफ मंच ने आगामी 2 मार्च को पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में अपना राज्य सम्मेलन करने का फैसला किया है. यह बैठक छज्जूबाग स्थित आवास संख्या 13 में आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता इसंाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने की. इस अवसर पर संगठन के राज्य सचिव सूरज कुमार सिंह, सिवान के नईमुद्दीन अंसारी, मुजफ्फरपुर से असलम रहमानी, अकबर आजम सिद्दकी, भोजपुर से कयामुद्दीन असंारी व शहाबुद्दीन कुरैशी, सिवान से इम्तेयाज अंसारी, आफताब अहमद, असगर ख्ंाा, शाहिद अहमद, अबुल खैर, नईम आलम, विक्रम प्रसाद यादव, आफताब आलम, एआईपीएफ के संतोष सहर सहित बड़ी संख्या में लोग बैठक में उपस्थित थे. बैठक के उपरांत सूरज कुमार सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में बिहार में दलितों-अल्पसंख्यकों पर हमले की बाढ़ सी आ गई है. सीतामढ़ी व अररिया में मुस्लिम समाज के लोगों की बर्बर तरीके से माॅब लिंचिंग की घटना सामने आई है. जाहिर सी बात है कि आज बिहार को भी नफरत व सांप्रदायिक दंगों की जांच में झोंक दिया गया है. लोकतंत्र व संविधान पर लगातार हमले हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में ही हमने इंसाफ मंच का सम्मेलन करने का निर्णय किया है.  नागरिकता संशोधन कानून को भी जिस तरह पेश और पास किया गया है वह भी बेहद खतरनाक है. इसके कारण देश के सामने बहुत बड़ा संकट उपस्थित हो गया है. आज नार्थ इस्ट में लोग सड़कों पर हंै. एनआरसी से लाखों की तादाद में लोगों को बाहर किया जा रहा है. भाजपा वाले गलत प्रचार कर रहे थे कि जो बाहर हो रहे हैं, उन्हें सिटीजनशिप में सुधार करके अंदर कर लिया जाएगा लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया कि आॅटोमेटिक तरीके से वे अंदर नहीं होंगे. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कह रहे हैं कि इससे हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है तो क्या यह देश के मुसलमानों को भयभीत करने के लिए है? दरअसल, अंदर-बाहर करने के नाम पर यह देश को विभाजित करने की कोशिश है. इस तरह आज देश के संविधान, सामाजिक न्याय की बुनियादी धारणा, नागरिकता की परिभाषा पर ही हमला हो रहा है.

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