नयी दिल्ली 11 जनवरी, कांग्रेस ने आज मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राफेल सौदे की जांच रोकने के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग का दुरूपयोग किया तथा केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटाया। पार्टी का कहना है कि जांच एजेन्सी के निदेशक का चयन करने वाली समिति को श्री वर्मा को पद से हटाने से पहले अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए था। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चयन समिति ने श्री वर्मा को जांच एजेन्सी के अधिकारी राकेश अस्थाना के आरोपों पर हटाया है। यह विडंबना है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्री अस्थाना की उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है और सरकार ने श्री अस्थाना के आरोपों पर श्री वर्मा को पद से हटा दिया। पार्टी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत किया है जिसमें श्री अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों की जांच जारी रखने की मंजूरी दी गयी है। श्री सिंघवी ने कहा कि यह भी रोचक है कि श्री वर्मा को सीवीसी की रिपोर्ट पर हटाया गया लेकिन सीवीसी न तो सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करता है और न ही उसे हटा सकता है। सरकार ने सीवीसी के पद का दुरूपयोग किया है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने यह सब अपने आप को राफेल सौदे की जांच में बचाने के लिए किया है।
शनिवार, 12 जनवरी 2019
वर्मा को अस्थाना के कहने पर हटाया गया : कांग्रेस
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