अरुण कुमार (बेगूसराय) , खोदाबंदपुर / बेगूसराय : - प्राप्त सूचना के आलोक में सीबीआई की जांच में बेदाग पाये जाने के बाद जेल में बन्द पूर्व मंत्री मंजू वर्मा व उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के प्रति पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी सहानुभूति नजर आ रही है।कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर रोष है कि जदयू के शीर्ष नेतृत्व ने पूर्व मंत्री के साथ न्याय नहीं किया है।उनका कहना है कि विरोधी पार्टी के साजिश व दबाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजू वर्मा को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इतना ही नहीं पति-पत्नी के अनुपस्थिति में बरामद कारतूस मामले में मंजू वर्मा को जेल भेजना भी नाइंसाफी ही थी।कहा अबतक हजारों लोगों के घर से सिर्फ इसी जिले के कई अपराधकर्मियों के घरों में से आर्म्स बरामद हुए हैं, परंतु किसी के पत्नी को जेल नहीं भेजा गया और उन्हें (मंजू वर्मा) जेल भेजा गया. लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने चुप्पी साध ली, जो सरासर नाइंसाफी था।रविवार को जिले के डी०बी० पब्लिक स्कूल, खोदाबंदपुर के परिसर में जदयू की चेरिया बरियारपुर विधानसभा के प्रमुख कार्यकर्ताओं की आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं ने कुछ ऐसेे विचार व्यक्त किए की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा पर पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई पर चिंतन मनन को लेकर आयोजित बैठक में पिछले चार महीनों से हुए उठापटक, पूर्व समाज कल्याण मंत्री के इस्तीफे, पार्टी मुखिया द्वारा पूर्व मंत्री के पार्टी से निलंबन सहित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार—विमर्श किया गया।इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली।
मंत्रीपद नहीं मिला तो सभी कार्यकर्ता जदयू से दे सकते हैं सामूहिक इस्तीफा।
वक्ताओं ने कहा जिस तरह नैतिकता के आधार पर पूर्व समाज मंत्री मंजू वर्मा पर इस्तीफा के लिए सरकार के अंदर एवं बाहर के लोगों ने दबाव बनाया।उसी तरह नैतिकता के आधार पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सी०बी०आई० की रिपोर्ट में पूर्व समाज कल्याण मंत्री को बरी किए जाने के बाद जदयू के मुखिया को उनकेे निलंबन वापस लेकर उन्हें पुनः अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहिए।अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरे चेरियाबरियारपुर विधानसभा के कार्यकर्ता सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा दे देंगे। बैठक में वक्ताओं द्वारा पूर्व समाज कल्याण मंत्री पर सरकार की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ गोलबंद होने की अपील की गई।कार्यकर्ताओं ने कहा कि बार-बार न्यायालय से गुहार लगाने के बाद भी पी०एम०सी०एच० में इलाज हेतु अनुमति नहीं मिलना जदयू कार्यकर्ताओं को संदेह के घेरे में खड़ा होने के लिए मजबूर कर रहा है. जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में जदयू एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भुगतना पड़ेगा बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष शंकर यादव ने की।बैठक को युवा जिलाध्यक्ष विकास कुशवाहा,पंकज सिंह,अरविंद गुप्ता, मुखिया राजेश उर्फ रामलोली, दिलीप कुशवाहा, रामनरेश आजाद, रामपदारथ महतो, शशिभा देवी, राम मनोहर सिंह, प्रसादी महतो, संतोष पासवान, राजीव कुशवाहा, मो० मकसूद अंसारी, विनित पासवान सहित अन्य सभी कार्यकर्ता और जदयू पदाधिकारी आदि बैठक में मौजूद थे।अब देखना यह है कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का क्या मंतव्य होता है।

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