पटना। 5 फ़रवरी 2019, बाबरी मस्जिद इतिहास का एक आंग है । यह मुसलमानों की वो धार्मिक स्थल है जिसे असामाजिक तत्वों ने संविधान की धज्जियां उडाते हुए दिन के उजाले में शहीद कर दिया था। बाबरी मस्जिद का विध्वंस भारतीय कानून व्यवस्था और भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर एक बड़ा धब्बा है। इस घटना ने समाजों को तोड़ा और उनके बीच दूरियाँ बढ़ाई हैं। बाबरी मस्जिद की शहादत के पश्चात तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नर्सिमहा राव ने देश के मुसलमानों से वादा किया था कि मसजिद पुण: वहीं निर्माण की जाएगी जहाँ वह स्थित थी। परंतु न केवल प्रधानमंत्री का दिया गया वादा पूरा नहीं किया गया बल्कि दोषियों को अभी तक सजा भी नहीं हुई। दुर्भाग्य की बात यह है कि मीडिया में उसे पहले बाबरी मस्जिद से संबोधित किया जाता था। कुछ दिनों बाद उसे बाबरी ढांचा कहा जाने लगा और अब कहीं बाबरी मस्जिद का उल्लेख नहीं होता है। इसके विपरीत उसे अब राम जन्म भूमी के नाम से याद किया जाता है। राम मंदिर निर्माण के रास्ते की रूकावटों की दूर करने पर चर्चा होता है तथा हर जगह शीघ्र मंदिर बनाने पर बल दिया जाता है जिससे यह प्रतीत होता है कि बाबरी मस्जिद से मुसलमानों का दावा समाप्त हो गया है। जबकि सच्चाई यह है कि बाबरी मस्जिद से हमारा दावा समाप्त नहीं हुआ है। हमें जब भी अवसर मिलेगा, संविधानिक रूप से देश के विभिन्न समुदायों के साथ मिलकर हम मस्जिद का निर्माण वहीं करेंगे। उक्त बातें सोशल डैमोक्रेटिक पार्टी आँफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष नसीम अख्तर ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होने कहा कि आज मीडिया में जिस प्रकार मस्जिद का इतिहास तोड़ मोड कर प्रस्तुत किया जाता है उसकी सही जानकारी आम जनता को उपलब्ध कराने हेतू सोशल डैमोक्रेटिक पार्टी आँफ इंडिया (एस डी पी आई) की ओर से राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है जिसका शीर्षक है "फिर बनेगी बाबरी मस्जिद, फिर बनेगा हिंदुस्तान "। इस अभियान के अंतर्गत एस डी पी आई बिहार की ओर से 2 से 28 फरवरी के बीच विभिन्न कार्यक्रम रखे गए हैं जिसमें विडियो स्क्रीनिंग,सांस्कृतिक शाम के अतिरिक्त लग भग 40 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके माध्यम से कम से कम चार लाख लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने का लक्ष्य है। प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नूरुद्दीन जंगी, प्रदेश महासचिव रियाज़ अहमद, प्रदेश सचिव मंजर आलम एवं अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित थे।
मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019
बिहार : मस्जिद का विध्वंस भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर एक बड़ा धब्बा : नसीम अख्तर
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